“पाकिस्तान के बाद अब चीन से नजदीकियां बढ़ा रहा बांग्लादेश, मरीजों को भेजने का फैसला; भारत के लिए चिंता?”…

बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही नई दिल्ली और ढाका के बीच संबंध अच्छे नहीं रहे हैं।

मोहम्मद यूनुस के कार्यकाल में पहले हिंदुओं के खिलाफ खूब हिंसा हुई और फिर बांग्लादेश भारत के ‘दुश्मन’ पाकिस्तान से नजदीकी बढ़ाने में जुट गया।

अब यूनुस सरकार ने एक और हिमाकत करते हुए ऐसा कदम उठा लिया है, जो भारत के लिए टेंशन वाली बात है।

दरअसल, बांग्लादेश चीन से अपनी दोस्ती बढ़ा रहा है। चीन के युन्नान प्रांत के तीन हाइटेक अस्पतालों को बांग्लादेशी मरीजों के लिए रखा गया है। इन अस्पतालों में जाकर बांग्लादेशी मरीज अपना इलाज करवा सकेंगे।

बांग्लादेश के मीडिया आउटलेट ‘प्रोथेमालो’ के अनुसार, बांग्लादेश और चीन के संबंधित विभाग चिकित्सा सेवा तंत्र को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं, जिसमें वीजा प्रक्रियाओं को व्यवस्थित करना, उपचार प्रक्रियाओं को स्पष्ट करना और अनुवाद दल स्थापित करना शामिल है।

ढाका में चीनी राजदूत याओ वेन ने कहा कि यदि सभी प्रयास सुचारू रूप से जारी रहे, तो बांग्लादेशी मरीजों का पहला ग्रुप इस साल मार्च की शुरुआत में ही चीन में इलाज प्राप्त कर सकता है।

विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन की हाल की चीन यात्रा के बाद द्विपक्षीय संबंधों पर अपडेट देने के लिए प्रेस ब्रीफिंग बुलाई गई थी।

पिछले महीने की यात्रा के दौरान, बांलादेश के विदेश मामलों के सलाहकार ने ढाका में बांग्लादेश-चीन मैत्री अस्पताल की स्थापना का प्रस्ताव रखा था।

चीन अब इस परियोजना के संबंध में बांग्लादेश से विस्तृत प्रस्ताव का इंतजार कर रहा है। साथ ही, देश अपने पिछले निर्णय के अनुसार, जुलाई-अगस्त के विद्रोह में घायल हुए लोगों के उपचार और पुनर्वास के लिए विशेष आधुनिक उपकरण प्रदान करेगा।

अगले महीने की शुरुआत में 20 आधुनिक रोबोट-नियंत्रित चिकित्सा उपकरण ढाका पहुंचने वाले हैं। बांग्लादेशियों के इलाज के लिए जिन तीन अस्पतालों को चुना गया है, वह युन्नान प्रांत का पीपुल्स अस्पताल, कुनमिंग मेडिकल यूनिवर्सिटी का पहला संबद्ध अस्पताल, और फुवाई युन्नान अस्पताल है।

यह कदम भारत के लिए क्यों टेंशन का विषय?

अब जब बांग्लादेश के मरीज चीन जाकर अपना इलाज करवा सकेंगे तो यह कदम भारत के लिए टेंशन का विषय क्यों है? दरअसल, भारत के पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि चीन के साथ भी संबंध अच्छे नहीं रहे हैं।

कोरोना काल में चीन भारतीय सीमा पर चालबाजी दिखाता रहा है। पिछले दिनों दोनों देशों की सेनाओं के बीच डिसएंगेजमेंट हुआ, लेकिन फिर भी चीन के हर कदम से भारत सतर्क रहता है।

अब जब पाकिस्तान और चीन से बांग्लादेश अच्छे संबंध बना रहा है तो यह स्वभाविक सी बात है कि भारत के लिए अच्छा नहीं है। भारत को पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश के किसी भी कदम को लेकर हमेशा अलर्ट रहना होगा।

इसके अलावा, बांग्लादेशी मरीज बड़ी संख्या में इलाज के लिए भारत आते थे, लेकिन अब वे चीन का रुख करेंगे। इस तरह से भी बांग्लादेश और चीन की यह साझेदारी भारत के लिए यह चिंता का विषय है।

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