बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को ‘आतंकवादी’ करार दिया है।
साथ ही उन्होंने मुल्क में हुईं पुलिसकर्मियों की हत्या का बदला लेने की भी कसम खाई है।
बीते साल जून-अगस्त में हुए प्रदर्शनों के दौरान 800 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी, जिसमें कई पुलिसकर्मी भी मारे गए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हसीना ने हाल ही में जूम लिंक के जरिए 5 विधवाओं और उनके बच्चों से बात की थी। इस वर्चुअल मीटिंग को आवामी लीग के अध्यक्ष नजरुल इस्लाम की तरफ से आयोजित किया गया था।
उन्होंने आरोप लगाए हैं कि यूनुस ने बांग्लादेश को आतंकवाद का अड्डा बना दिया है। साथ ही उन्हें सरकार नहीं चलाने की सलाह भी दी है।
उन्होंने कहा, ‘यूनुस के पास सरकार चलाने का को अनुभव नहीं है। उन्होंने सभी जांच समितियों को भंग कर दिया है और लोगों को मारने के लिए आतंकवादियों को आजाद कर दिया है।
वे बांग्लादेश को तबाह कर रहे हैं। हम आतंकवादियों की इस सरकार को बाहर कर देंगे। इंशाअल्लाह।’
उन्होंने कहा, ‘मैं लौटूंगी और हमारे पुलिसकर्मियों की मौत का बदला लूंगी।’ उन्होंने कहा, ‘यूनिस ने अपन अंतरिम सरकार में एक तथाकथित छात्र नेता को शामिल किया है, जो कहते हैं कि पुलिसवालों को मारे बगैर आंदोलन नहीं हो सकता।
इस अराजकता को हमें खत्म करना होगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि 5 अगस्त को वह भीड़ के चंगुल से भागकर आई हैं, ताकि एक बार फिर बांग्लादेश की जनता की सेवा कर सकें।
उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे सभी से अनुरोध करती हूं कि शांत रहें और एकजुट रहे। मैं वापस लौटूंगी और हमारे शहीदों का बदला लूंगी। मैं पहले की तरह न्याय करूंगी। मेरा वादा है।’
हिंसा के दौरान कई पुलिसकर्मियों को भी निशाना बनाया गया था। सिराजगंज में एक दर्जन से ज्यादा पुलिस अधिकारियों की हत्या कर दी गई थी और उनके शवों को जला दिया गया था।