अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विवादास्पद ‘गाजा अधिग्रहण प्लान’ को लेकर अपने पत्ते खोलना शुरू कर दिया है।
ट्रंप ने सोमवार को कहा कि उनके ‘गाजा प्लान’ में फिलिस्तीनियों को वापस गाजा में लौटने का कोई अधिकार नहीं होगा। इससे गाजा के निवासियों को ही फायदा होगा।
उन्हें दूसरी जगह पर बेहतर तरीके से बसाया जाएगा। अपने इस प्लान को और बेहतरी के साथ समझाते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे भविष्य का रियल एस्टेट बताया।
फॉक्स न्यूज दिए इंटरव्यू में ट्रंप से जब पूछा गया कि क्या अमेरिकी अधिग्रहण के बाद फिलिस्तीनियों को वापस से गाजा में लौटने का अधिकार होगा।
इसका जबाव देते हुए ट्रंप ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि वह ऐसा चाहेंगे। क्योंकि उनके पास एक बहुत बेहतर घर होगा, जहां पर वह सुकून के साथ अपना जीवन यापन कर सकते हैं।
दूसरे शब्दों में कहूं तो मैं उनके लिए एक स्थायी जगह बनाने की बात कर रहा हूं।
क्योंकि अगर उन्हें अस्थाई जगह पर रखा गया और उन्हें वापस लौटना पड़ा तो इसमें काफी समय लग जाएगा क्योंकि 15 महीनों के युद्ध के बाद गाजा अब रहने योग्य नहीं है।
ट्रंप ने बताया पूरा प्लान
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका इस जगह को अधिग्रहित करेगा और फिर योजना के तहत फिलिस्तीनियों को छह अलग-अलग जगहों पर बसाया जाएगा। इन जगहों में अरब देश और अन्य देश शामिल होंगे। फिलहाल ट्रंप के इस प्रस्ताव को वैश्विक तबके ने खारिज कर दिया है।
हालांकि अमेरिकी राष्ट्र्पति ट्रंप ने गाजा के निवासियों को जॉर्डन और मिस्त्र में बसाने पर जोर दिया। ट्रंप ने कहा कि हम गाजा के दो मिलिनय से ज्यादा फिलिस्तीनियों के लिए एक सुंदर घर का निर्माण करेंगे।
हमारे प्लान के मुताबिक यह छह जगहें होंगी। लेकिन में बता देना चाहता हूं कि ऐसी जगह चाहे छह हों या पांच हों या फिर दो ही क्यों न हो।
लेकिन इन जगहों पर फिलिस्तीनी खतरों से दूर होंगे। यहां पर एक सुरक्षित समुदाय का निर्माण होगा। मैं इसका मालिक बनूंगा। यह भविष्य के एक रियल स्टेट की तरह होगा।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे पहले अपने इस विवादास्पद प्लान को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मीटिंग के बाद साझा किया था।
ट्रंप की इस योजना पर फिलिस्तीनियों समेत अरब देशों ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी। लेकिन इजरायल ने इस योजना का जोर-शोर के साथ स्वागत किया था।
वैश्विक देशों ने नकारा ट्रंप का प्लान
इजरायली प्रधानमंत्री के साथ ट्रंप ने अपने प्लान की घोषणा की थी। लेकिन तब उन्होंने कहा था कि फिलिस्तीनी भी उन लोगों में शामिल होंगे जिन्हें अमेरिका द्वारा अधिकृत किए गए गाजा में रहने की अनुमति होगी। लेकिन अब उन्होंने अपनी स्थिति को साफ कर दिया है कि वह ऐसा नहीं करेंगे।
इजरायली प्रधानमंत्री ने वाशिंगटन से वापस लौटने पर राष्ट्रपति ट्रंप के इस प्रस्ताव को क्रांतिकारी बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप इस मुद्दे पर पूरी तरह से एक नया दृष्टिकोण लेकर आए हैं।
लेकिन इजरायल के अलावा बाकी देशों में इस योजना को लेकर प्रतिक्रिया सही नहीं रही। इजिप्ट, जॉर्डन, अरब देशों और फिलिस्तीनियों ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया।
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने भी इस योजना को फिलिस्तीनी लोगों के साथ घोखा करार दिया।