दिल्ली विधानसभा चुनाव के रुझानों में आम आदमी पार्टी की सत्ता विदाई तय होती दिख रही है।
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दिए आंकड़ों में अब तक भाजपा 36 सीटों पर आगे हैं, जबकि आम आदमी पार्टी को सिर्फ 16 पर ही बढ़त है।
इन नतीजों को लेकर INDIA अलायंस में कलह भी शुरू हो गई है। जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने इन नतीजों को लेकर गुस्सा जाहिर किया है और इसका ठीकरा गठबंधन न होने पर फोड़ा है।
उन्होंने एक मीम शेयर किया है, जिसमें एक साधु कहते हैं- खूब लड़ो आपस में, समाप्त कर दो एक-दूसरे को। इस तरह उन्होंने कांग्रेस पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश की है कि आखिर दिल्ली में गठबंधन न करके उसने क्या हासिल कर लिया।
उनका मानना है कि गठबंधन न होने के चलते ही ऐसा नतीजा आया है, अन्यथा एकजुटता के साथ भाजपा को चैलेंज किया जा सकता था। वहीं उमर अब्दुल्ला के कॉमेंट पर कांग्रेस का भी रिएक्शन आया है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि अब्दुल्ला को जो कहना है, कहते रहें। लेकिन उन्हें भी यह समझना चाहिए कि कांग्रेस चुनाव लड़ना तो बंद नहीं कर देगी।
हमारा अधिकार है और लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ना ही चाहिए। बता दें कि चुनाव से कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर चर्चाएं शुरू हुई थीं, लेकिन यह सिरे नहीं चढ़ सका। अंत में दोनों दल अलग ही लड़े और नतीजा सामने है।
दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली की 70 सीटों में करीब 40 पर भाजपा आगे चल रही है। चुनाव आयोग के रुझानों में भी भाजपा को बहुमत मिल चुका है।
अरविंद केजरीवाल खुद नई दिल्ली से पीछे चल रहे हैं, जबकि जंगपुरा की जंग में मनीष सिसोदिया भी फंसे हुए हैं।
कालकाजी सीट से मौजूदा सीएम आतिशी भी पीछे चल रही हैं। यही नहीं पटपड़गंज, ओखला, बादली, लक्ष्मीनगर जैसी सीटों पर आम आदमी पार्टी लगातार पिछड़ी हुई है।
“जी भर के लड़ो”: दिल्ली के नतीजों पर उमर अब्दुल्ला का ट्वीट, कांग्रेस पर साधा निशाना…
दिल्ली विधानसभा चुनाव के रुझानों में आम आदमी पार्टी की सत्ता विदाई तय होती दिख रही है।
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दिए आंकड़ों में अब तक भाजपा 36 सीटों पर आगे हैं, जबकि आम आदमी पार्टी को सिर्फ 16 पर ही बढ़त है।
इन नतीजों को लेकर INDIA अलायंस में कलह भी शुरू हो गई है। जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने इन नतीजों को लेकर गुस्सा जाहिर किया है और इसका ठीकरा गठबंधन न होने पर फोड़ा है।
उन्होंने एक मीम शेयर किया है, जिसमें एक साधु कहते हैं- खूब लड़ो आपस में, समाप्त कर दो एक-दूसरे को। इस तरह उन्होंने कांग्रेस पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश की है कि आखिर दिल्ली में गठबंधन न करके उसने क्या हासिल कर लिया।
उनका मानना है कि गठबंधन न होने के चलते ही ऐसा नतीजा आया है, अन्यथा एकजुटता के साथ भाजपा को चैलेंज किया जा सकता था। वहीं उमर अब्दुल्ला के कॉमेंट पर कांग्रेस का भी रिएक्शन आया है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि अब्दुल्ला को जो कहना है, कहते रहें। लेकिन उन्हें भी यह समझना चाहिए कि कांग्रेस चुनाव लड़ना तो बंद नहीं कर देगी।
हमारा अधिकार है और लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ना ही चाहिए। बता दें कि चुनाव से कुछ दिन पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर चर्चाएं शुरू हुई थीं, लेकिन यह सिरे नहीं चढ़ सका। अंत में दोनों दल अलग ही लड़े और नतीजा सामने है।
दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली की 70 सीटों में करीब 40 पर भाजपा आगे चल रही है। चुनाव आयोग के रुझानों में भी भाजपा को बहुमत मिल चुका है।
अरविंद केजरीवाल खुद नई दिल्ली से पीछे चल रहे हैं, जबकि जंगपुरा की जंग में मनीष सिसोदिया भी फंसे हुए हैं।
कालकाजी सीट से मौजूदा सीएम आतिशी भी पीछे चल रही हैं। यही नहीं पटपड़गंज, ओखला, बादली, लक्ष्मीनगर जैसी सीटों पर आम आदमी पार्टी लगातार पिछड़ी हुई है।