भारत टैरिफ वॉर के जाल से कैसे बच निकला, डोनाल्ड ट्रंप की रणनीति पर खेला इंटरनेशनल दांव…

नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एंट्री के साथ ही अमेरिका का चीन, कनाडा और मैक्सिको जैसे देशों के साथ टैरिफ वॉर शुरू हो गया है।

ट्रंप की तरफ से BRICS देशों के चेतावनी दिए जाने का बाद कहा जा रहा है कि भारत में चिंता का माहौल बन रहा था।

हालांकि, अब खबरें हैं कि भारत और अमेरिका बातचीत के जरिए मु्द्दों को सुलझा रहे हैं और टैरिफ वॉर की मार भरत पर पड़ने की संभावनाएं कम हैं।

मामले के जानकार एक शख्स ने कहा कि भारत अपने सहयोगियों की तरफ से उठाए गए किसी भी मुद्दे से प्राथमिकता से निपटता है।

साथ ही अमेरिका को विशेष रणनीतिक महत्व देता है। उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन की तरफ से खास व्यापार मुद्दा नहीं उठाया गया है। वहीं, मैक्सिको और कनाडा के मामले में अवैध अप्रवासियों का मुद्दा बड़ा है।

उन्होंने कहा, ‘वॉशिंगटन ने BRICS देशों को चेताया है, जहां भारत भी ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ सदस्य हैं। लेकिन भारत ऐसे किसी फैसले का हिस्सा नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘भारत और अमेरिका का रिश्ता आपसी विश्वास पर टिका हुआ है।’

साथ ही नई दिल्ली ऐसे किसी कदम पर विचार नहीं कर रहा है, जिससे वॉशिंगटन को परेशानी हो।

अखबार से बातचीत में मामले के जानकार दूसरे शख्स ने कहा कि ट्रंप की वापसी के साथ ही भारत ने अवैध अप्रवासी और व्यापार से जुड़े हर मुद्दे पर अमेरिका के साथ काम करने के संकेत दिए हैं।

उन्होंने कहा कि ट्रंप ने ब्रिक्स समूह पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। जिसके चलते भारत पर संभावित असर पर चिंताएं पैदा हो गई हैं। उन्होंन कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की बुनियाद मजबूत बनी हुई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्रंप से बात की थी और वैश्विक शांति और सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि भारतीय पक्ष दोनों के लिए लाभकारी और भरोसेमंद साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है।

 तीसरे शख्स ने बताया कि अमेरिकी की तरफ से टैरिफ का भारत पर अभी कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘अगर ऐसा होता है, तो हम हर संभव कदम उठाएंगे।’

दूसरे व्यक्ति ने जानकारी दी है कि कस्टम ड्यूटी में बदलाव अमेरिका या किसी अन्य साझेदार को कोई संकेत देने के लिए नहीं किए गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘भारत उनके साथ न्यायसंगत व्यापारिक रिश्ते के पक्ष में है और थोड़ी सी जमीन वाले किसानों, एक दो गाय-भैंस वाले दूधियों और छोटे व्यापारों को समर्थन देने का कदम उठा रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘भारत अब भी एक विकसित राष्ट्र नहीं है और सरकार गरीबों की सुरक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकती है।’

उन्होंने कहा कि बजट में कस्टम ड्यूटी स्लैब को खुद ही कम कर दिया गया है, ताकि औद्योगिक सामान के लिए इसे आसान और इम्पोर्ट ड्यूटी को घटाया जा सके।

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