चीन के AI स्टार्टअप DeepSeek ने अमेरिका समेत पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है।
अमेरिका के बाद भारत पर भी इसका असर दिख रहा है लेकिन इस AI स्टार्टअप ने अमेरिकी दिग्गज टेक कंपनियों के पसीने छुड़ा दिए हैं।
इस चीनी एआई चैटबॉट ने पिछले 24 घंटे में दुनियाभर की खबरों में टॉप पर अपनी जगह बना ली है और सिलिकॉन वैली, वॉशिंगटन डी.सी. को बड़ा झटका दे दिया है।
अब दुनियाभर के लोग उस शख्स को जानने को इच्छुक हैं कि आखिर वह उस्ताद कौन है, जिसने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सेक्टर में न सिर्फ अमेरिकी बादशाहत को ध्वस्त किया है बल्कि उसे बड़ी चुनौती दे डाली है।
कौन हैं DeepSeek के संस्थापक लियांग वेनफेंग
40 वर्षीय लियांग वेनफेंग चीनी AI स्टार्टअप DeepSeek के संस्थापक हैं। वही इस कंपनी के सीईओ भी हैं। उनका जन्म चीन के झानजियांग में हुआ था।
उनके पिता प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक थे। लियांग बहुत ही साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी साधारण स्कूल में ही हुई है लेकिन वह बचपन से ही मेधावी रहे हैं।
सीखने के मामले में बहुत ही जुनूनी रहे हैं। इसी जुनून की बदौलत आज वह इस मुकाम पर खड़े हैं।
वेनफेंग ने 2015 में क्वांटिटेटिव हेज फंड हाई-फ्लायर की सह-स्थापना की थी। यह अब 10 अरब युआन से ज्यादा की संपत्ति को मैनेज करने वाली कंपनी है।
चार साल पुरानी जिद और सनक ने बदली जिंदगी
2021 में जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन चीन पर अमेरिकी चिप एक्सपोर्ट करने की नकेल कसने की तैयारी कर रहे थे, तभी 36 वर्षीय युवक लियांग अमेरिकी कंपनी Nvidia के हजारों ग्राफिक्स प्रोसेसर ताबड़तोड़ खरीद रहे थे।
उनकी इस खरीद को उनके साथी और आसपास के लोग लियांग की सनक करार दे रहे थे लेकिन तब यह किसी को नहीं पता था कि दुनिया जिसे जिद और सनक कह रही है, वह दरअसल एक क्रांति की तैयारी थी।
लियांग ने इन प्रोसेसर के जरिए कई AI मॉडल बनाए। उसने कई चिप क्लस्टर बनाए और जब चार साल बाद 20 जनवरी 2025 में लियांग ने अपने स्टार्टअप DeepSeek के जरिए AI चैटबॉट मॉडल DeepSeek-R1 लॉन्च किया तो दुनिया दंग रह गई।
27 जनवरी आते-आते इसने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में तहलका मचा दिया। कई अमेरिकी दिग्गज AI कंपनियां उसके समाने नतमस्तक हो गईं क्योंकि लियांग ने अरबों डॉलर खर्च करके इस चैटबॉट को नहीं बनाया था बल्कि बहुत कम लागत में यह संभव कर दिखाया।
दुनियाभर में कोहराम
जब उनका मॉडल धड़ाधड़ दुनियाभर में डाउनलोड होने लगा तो अमेरिकी बाजार में कोहराम मच गया। डीपसीक ने दिग्गज AI कंपनियों- Meta, Google, OpenAI के नींदे उड़ा दी हैं।
Nividia के तो होश उड़ गए। उसके शेयर एक ही दिन में 17 फीसदी गिर गए। उसे एक दिन में 600 अरब डॉलर का नुकसान हो गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे देखते हुए अमेरिकी आईटी कंपनियों से जागने का आह्वान किया है। ट्रंप ने कहा है कि अमेरिकी कंपनियों को अब इस टेक्नोलॉजी वार में जीतने के लिए प्रतियोगिता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने एक तरह से चेतावनी भी जारी की है। इस बीच, ‘डीपसीक’ पर सोमवार को जबर्दस्त साइबर हमला हुआ, जिससे यूजर्स को साइट पर रजिस्ट्रेशन करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।