प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
वैदिक ज्योतिष के 27 नक्षत्रों में से विशाखा 16 वां नक्षत्र है। यह बृहस्पति द्वारा शासित है।
तुला राशि में 20 डिग्री और 30 डिग्री के बीच स्थित यह नक्षत्र तराजू और एक बर्तन द्वारा दर्शाया गया है। यह नक्षत्र सौभाग्य और व्यावसायिक सफलता से संबंधित है।
इस नक्षत्र में जन्मे लोग न्याय और निष्पक्षता को मजबूत भावना से मानने वाले और महत्वाकांक्षी होते हैं तथा अपने दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत से लक्ष्य का पीछा करते हैं।
उचित मार्गदर्शन और ज्ञान के साथ इस नक्षत्र की क्षमताओं का अधिकतम लाभ उठाया जा सकता है। विशाखा नक्षत्र के चार चरणों का अलग-अलग प्रभाव है
प्रथम चरण इस चरण का स्वामी मंगल है। इस चरण में जन्मे जातक तर्कशील एवं नीति शास्त्र में निपुण होते हैं। नई संभावनाओं और अवसरों की तलाश में सीमाओं से आगे बढ़कर जोखिम लेने की प्रवृत्ति इस चरण में जन्मे जातकों में होती है।
द्वितीय चरण इस चरण का स्वामी शुक्र है। गुरु एवं शुक्र के प्रभाव से जातक धार्मिक शास्त्रों का ज्ञाता, दार्शनिक एवं शास्त्रवेत्ता होता है। गुरु और शुक्र की परस्पर शत्रुता के कारण गुरु की दशा अशुभ फल देगी। गुरु में शुक्र या शुक्र में गुरु का अंतर भी अशुभ फल देगा। यह चरण विकास और समृद्धि से संबंधित होता है।
तृतीय चरण इस चरण का स्वामी बुध है। गुरु ज्ञान एवं बुध तर्क का प्रतीक है। ऐसे जातक में वाद-विवाद और तर्क करने की प्रखरता आती है। शुक्र की दशा मध्य फल देगी। गुरु एवं बुध में शत्रुता होने से गुरु एवं बुध दोनों की दशा अशुभ फल देगी। यह चरण सेवा और आध्यात्मिकता से संबंधित होता है।
चतुर्थ चरण इस चरण का स्वामी चंद्रमा है। चंद्रमा मंगल तथा बृहस्पति दोनों का ही मित्र है। अत चंद्रमा की दशा में जातक का भाग्य उदय होगा। मंगल की दशा भी शुभ फल देगी।
परिवर्तन और चिकित्सा से संबंधित यह चरण आत्मबोध की खोज करने और नई संभावनाओं के लिए पुराने आदर्श और आदतों को त्यागने में मदद करता है। विशाखा नक्षत्र के चौथे चरण में जन्म लेने वाला जातक लंबी आयु भोगने वाला होता है।
इस नक्षत्र में जन्मे लोग अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से लक्ष्य को प्राप्त करने वाले होते हैं। यह व्यक्ति सहयोगी और दयालु प्रवृत्ति के होते हैं। ऐसे लोग रणनीतिक योजनाएं बनाने की क्षमता रखते हैं।
प्रियंका प्रसाद (केवल व्हाट्सएप) 94064 20131