क्या कनाडा में ट्रूडो की पार्टी नहीं चाहती भारतवंशी पीएम? चंद्र आर्या को रेस से किया बाहर…

कनाडा में पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बीते दिनों प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था।

इसके साथ ही देश में अगला पीएम चुनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है जिसके लिए कई भरतवंशियों ने भी दावेदारी पेश की है। इनमें सबसे बड़ा नाम था भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्या का।

हालांकि अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि चंद्र आर्या को इस लीडरशिप की रेस से बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी चल रही है। लिबरल पार्टी के जाने माने नेता चंद्र आर्या ने खुद इस बात की जानकारी दी है।

साथ ही उन्होंने चुनाव की निष्पक्षता को लेकर सवाल भी उठाए हैं।

चंद्र आर्या ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बताया है कि लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा ने उन्हें नेतृत्व की दौड़ में शामिल होने की इजाजत नहीं दी है।

उन्होंने लिखा, “आज, मुझे कनाडा की लिबरल पार्टी द्वारा सूचित किया गया कि मुझे नेतृत्व की रेस में शामिल होने की इजाजत नहीं दी जाएगी। मैं उनके आधिकारिक बयान की प्रतीक्षा कर रहा हूं। यह फैसला चुनाव और कनाडा के अगले प्रधानमंत्री की वैधता पर गंभीर सवाल उठाता है।” उन्होंने आगे लिखा, “मैं कनाडा के सभी लोगों के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैं आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने की कोशिश जारी रखूंगा।”

समर्थकों के प्रति जताया आभार

इससे पहले कि चंद्र आर्य ने अपने समर्थकों के प्रति आभार भी जताया। चंद्र आर्या ने कहा, “सबसे महत्वपूर्ण बात, मैं कनाडा में सैकड़ों वॉलंटियर्स के प्रति अपना हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने पिछले दो सप्ताह में मेरे लिबरल पार्टी के नेतृत्व के चुनावी अभियान में समर्थन जुटाने के लिए दिन-रात अथक परिश्रम किया है।

आपका अटूट समर्पण मुझे प्रेरित करता है। मैं उन हजारों कनाडाई लोगों के प्रति बहुत कृतज्ञता महसूस करता हूं, जिन्होंने लिबरल पार्टी में शामिल होकर मेरे विचारों और मेरी नीतियों का समर्थन किया। आपका समर्थन मेरे लिए बहुत मायने रखता है – धन्यवाद!”

खालिस्तानियों के मंसूबों को लग सकता था झटका

गौरतलब है कि कनाडा में कई भारतवंशी पीएम पद के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। हालांकि इन नामों में चंद्र आर्या का नाम सबसे प्रमुख था।

खालिस्तानियों का गढ़ बन चुके कनाडा में हिंदू प्रधानमंत्री के सत्ता संभालने से खालिस्तानियों के मंसूबों को झटका जरूर लग सकता था।

इससे पहले सांसद चंद्र आर्या ने चुनाव में दावेदारी पेश करते हुए कहा था कि कनाडा को एक ऐसे पीएम की जरूरत है जो कड़े फैसले ले सके।

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