इंडोनेशियाई सेना ने भारत की एयरक्राफ्ट बनाने की क्षमताओं में गहरी रुचि दिखाई है।
इसमें भी खासतौर पर ब्रह्मोस को लेकर काफी ज्यादा इंट्रेस्ट है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने रविवार को इस बारे में बताया।
हाल ही में हुई एक बैठक के दौरान जकार्ता से आए वरिष्ठ अधिकारियों ने भारतीय रक्षा अधिकारियों से यह बात कही।
भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है जो एयरक्राफ्ट बनाने की क्षमता रखते हैं। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच संबंध सौहार्दपूर्ण और मजबूत हैं।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने मुख्य अतिथि के रूप में रविवार को नई दिल्ली में भव्य गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लिया।
भारतीय अधिकारी अब शिप बनाने के क्षेत्र में जकार्ता के साथ सहयोग बढ़ा रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि दोनों पड़ोसी देश ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल डील को लेकर भी बातचीत कर रहे हैं। इंडोनेशिया की टीम इसको लेकर जल्द ही भारत का दौरा कर सकती है।
सूत्रों ने बताया कि मेजर जनरल यूनिआंतो के नेतृत्व में एक इंडोनेशियाई दल ब्रह्मोस एयरोस्पेस पहुंचा था।
यहां पर सैन्य सहयोग और मिसाइल क्षमताओं को लेकर बातचीत हुई थी। वैसे तो इस बातचीत को दो साल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक इसके बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
हालांकि इंडोनेशिया से संभावित मिसाइल डील के लिए रूस की सहमति की जरूरत होगी। रक्षा मंत्रालय के सूत्र ने यह जानकारी दी।
भारत अभी तक फिलिपीन्स को ब्रह्मोस मिसाइल बेचता है।
कुछ साल पहले फिलीपीन्स से 335 मिलियन डॉलर का ऑर्डर आया था। वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया और मध्य पूर्व के देशों सहित कई देशों ने भारत-रूस संयुक्त मिसाइल प्रणाली में रुचि दिखाई है। इस मिसाइल के कई सिस्टम रूस से आते हैं।