प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
माघ माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी पर श्रवण नक्षत्र, सिद्धि योग के शुभ योग में इस साल की मौनी अमावस्या 29 जनवरी बुधवार को मनाई जाएगी।
इस दिन लोग 24 घंटे का मौन व्रत का संकल्प रखते हुए सूर्य भगवान को अर्घ्य देंगे। वर्ष भर में अमावस्या तिथि 12 आती हैं, लेकिन इस बार की मौनी अमावस्या कुछ खास रहेगी।
ज्योतिष विशेषज्ञ पं उमेश शास्त्री दैवज्ञ ने बताया कि इस दिन चंद्रमा मकर राशि में होंगे सूर्य के साथ एवं गुरु वृष राशि में होने से 12 वर्षों बाद ग्रहों की यह स्थिति बन रही है।
चूंकि प्रयागराज महाकुम्भ मेले का दूसरा अमृत स्नान भी है, इसके चलते बड़ी संख्या में देश दुनिया के स्नानार्थी कुम्भ स्नान के लिए त्रिवेणी संगम तट पर जाएंगे।
जो लोग मां गंगा,त्रिवेणी संगम अथवा पवित्र नदी आदि में स्नान करने नहीं पहुंच पाते उन्हें घर के जल में गंगा जल मिलाकर स्नान करके दान-पुण्य करना चाहिए। मौनी अमावस्या पर श्रद्धालु मठ मंदिरों में दर्शन आदि करके दान-पुण्य भी करेंगे।
महाकुम्भ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी मकर संक्रांति को था, जिसमें बड़ी संख्या में साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने भाग लिया था और अपार आस्था के साथ त्रिवेणी संगम में डुबकी भी लगाई थी। इसके बाद अब सभी को दूसरे पुण्य अमृत स्नान का इंतजार है।
हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या के दिन होने वाले इस स्नान का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाकुम्भ के अमृत स्नान को अत्यंत पवित्र और सुख समृद्धि के साथ बेहद कल्याणकारी माना गया है।
उदया तिथि 29 जनवरी को
सनातन धर्म पंचागों के अनुसार मौनी अमावस्या की तिथि 28 जनवरी को शाम 7.35 बजे लगेगी और यह तिथि 29 जनवरी की रात नौ बजे तक रहेगी। उदया तिथि के मुताबिक मौनी अमावस्या 29 जनवरी को उत्तम काल में मनेगी।
मौन व्रत के साथ स्नान दान करना होगा बेहद शुभ
महाकुम्भ के मौनी अमावस्या पर्व पर मौन व्रत के साथ स्नान कर बोलना शुरू करें। पं उमेश शास्त्री दैवज्ञ ने बताया कि मौन व्रत के साथ स्नान, दान, आयुवृद्धि, निः संतान को संतान प्राप्ति, धन लाभ, रोगी को निरोगी काया की प्राप्ति होगी।
किसी गरीब को गर्म वस्त्र और कौवे व कुत्ते को दही और चूड़ा खिलाने से पितृ देव भी प्रसन्न होंगे और संतान उत्पत्ति का दुर्लभ लाभ मिलेगा।
प्रियंका प्रसाद (केवल व्हाट्सएप) 94064 20131