दहेज की लालच दूल्हे को एक बार फिर भारी पड़ गई।
तीन दिन के भीतर शादी टूट गई, दहेज उत्पीड़न का मुकदमा 19 साल तक चला, तीन महीने की कैद हुई और अब सुप्रीम कोर्ट ने उसे दुल्हन को 3 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
मालूम हो कि पीड़िता ने बाद में दूसरी शादी कर ली और विदेश में रहने लगी। पहली शादी 3 फरवरी, 2006 को हुई। लड़की के माता-पिता ने विवाह में दुल्हन और दूल्हे को सोना भी दिया था।
मगर, दूल्हा इतने से संतुष्ट नहीं था। वह और ज्यादा सोने की मांग करने लगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, शादी का रिसेप्शन चल रहा था। इसी बीच दूल्हे के पिता उसे मंडप से थोड़ा दूर लेकर गया और कहने लगा कि दुल्हन के घर वालों ने पर्याप्त मात्रा में सोना नहीं दिया है।
दुल्हन अब अपने पति की लालच को और ज्यादा मिटाने में सक्षम नहीं थी। उसने पुलिस में इसकी शिकायत करने का फैसला लिया। आईपीसी की धारा 498ए और दहेज निषेध अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया गया। यह मामला अदालत तक पहुंचा और तमिलनाडु के सैदापेट की कोर्ट ने दूल्हे को दोषी ठहराया। ट्रायल कोर्ट ने आरोपी दूल्हे को तीन साल के कैद की सजा सुनाई। उसके ऊपर 3,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में क्या कहा
एडिशनल सेशन जज ने दोषी के खिलाफ सजा और जुर्माने को बरकरार रखा। कुछ समय बाद यह मामला मद्रास हाई कोर्ट जा पहुंचा जिसने सजा को घटाकर 2 साल कर दिया। अदालत ने उसे सरेंडर करने का आदेश दिया।
वह करीब तीन महीने तक जेल के भीतर रहा जिसके बाद उसे जमानत मिली। इस बीच, उसकी ओर से एचसी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।
एससी ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, ‘शिकायतकर्ता लड़की ने अब दूसरी शादी कर ली है और विदेश में रहने लगी है। यह केस 19 साल तक चलता रहा और इस बीच दोनों अपने जीवन में आगे बढ़ चुके हैं। दोषी तीन महीने की सजा पहले ही काट चुका है।’ अदालत ने आदेश दिया कि पीड़िता को 3 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।