अपने भाषणों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी के विधायक टी राजा सिंह ने फिर एकबार भड़काऊ बयान दिया है।
उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई और एआईएमआईएम अकबरुद्दीन ओवैसी के ’15 मिनट’ वाले विवादित बयान के अंदाज में उन्हें जवाब दिया है।
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ’15 मिनट नागा साधुओं को दे दो, सबसे पहले यूपी के मुल्ले साफ हो जाएंगे।’ आपको बता दें कि उन्होंने खुद अपने इस भाषण का वीडियो एक्स पर पोस्ट किया है।
टी राजा सिंह कहते हैं, ”… तुम लोग क्या कहते हो? ’15 मिनट दे दो। पुलिस को हटा दो। 100 करोड़ हिंदुओं को खत्म कर देंगे।’ ऐसा बोलने वालों, आज उत्तर प्रदेश में महाकुंभ चल रहा है। करोड़ों हिंदू पवित्र नदी में जाकर स्नान कर रहे हैं। साधु-शंत जा रहे हैं स्नान करने के लिए। उन्हीं साधुओं में एक शंत आते हैं नागा साधु। नागा साधुओं का इतिहास देखें तो जब-जब सनातन पर संकट आया तो इन्हीं नागा साधुओं ने तलवार उठाई। भाला और त्रिशूल उठाकर हमारे नागा साधुओं ने मुल्लों का सर उठाने का काम किया है।’
ओवैसी पर पलटवार करते हुए राजा सिंह आगे कहते हैं, ’15 मिनट चाहिए? अगर हमारे नागा साधुओं को 15 मिनट दे दिया जाए तो सबसे पहले उत्तर प्रदेश का मुल्ला साफ हो जाएगा। अगर हमारे नागा साधुओं को हैदराबाद भेज दिया जाए तो यहां 15 मिनट भौंकने वाले कुत्ते यहां से भागकर पाकिस्तान चले जाएंगे। हिंदुओं से कभी मत टकराना। हिंदू जब-जब उठा है इतिहास लिखा है।”
राजा भैया ने भी किया था पलटवार
आपको बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश की कुंडा सीट से विधायक राजा भैया ने भी ओवैसी के 15 मिनट वाले बयान पर जोरदार पलटवार किया था।
उन्होंने कहा था, ”हैदराबाद के एक नेता ने कहा कि पुलिस हटा दो तो 15 मिनट में पता चल जाएगा। यदि हम गंभीरता से सोचें तो काफी हद तक उसकी बात सही है।
यदि ऐसा हो जाए तो लगभग आधा हिंदू एक झटके में साफ हो जाएगा। आखिर हमारे पास है क्या? ना तो हम वंश वृद्धि कर रहे हैं और ना शस्त्र संचय कर रहे हैं।”
क्या कहा था जूनियर ओवैसी ने?
2012 में तेलंगाना के चंद्रयानगुट्टा से विधायक अकबरुद्दीन ने कहा था, ‘हिदुस्तान हम 25 करोड़ हैं, तुम 100 करोड़ हो न, ठीक है तुम तो हमसे इतने ज्यादा हो, 15 मिनट के लिए पुलिस को हटा लो हम बता देंगे कि किसमें हिम्मत है और कौन ताकतवर है।”
अकबरुद्दीन पर इस बयान की वजह से केस भी दर्ज हुआ था। वे जेल भी गए थे, लेकिन बाद में कोर्ट ने उन्हें संदेह के आधार पर बरी कर दिया था।