एलन मस्क के प्रभाव से भारतीय मूल के विवेक रामस्वामी ने छोड़ी डोनाल्ड ट्रंप की सरकार, सामने आई असल वजह…

अमेरिका की नई डोनाल्ड ट्रंप सरकार से भारतीय मूल के विवेक रामस्वामी बाहर हो गए हैं।

अटकलें हैं कि इसकी वजह उनकी तरफ से हाल ही में दिए बयानों को माना जा रहा है, जिनमें H1 B वीजा शामिल है।

इसके अलावा DOGE यानी डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी संभाल रहे अरबपति एलन मस्क की तरफ से भी दबाव की बात कही जा रही है।

हालांकि, उनके बाहर जाने को लेकर किसी ने भी आधिकारिक तौर पर वजह नहीं बताई है।

कहा जा रहा है कि बयानों को लेकर रामस्वामी पर रिपब्लिकन पार्टी के बड़े नेताओं और मस्क का दबाव था।

पॉलिटिको की एक रिपोर्ट के अनुसार, DOGE से बाहर होने से पहले रामस्वामी ने एक्स पर पोस्ट किया है, जहां उन्होंने अमेरिका की संस्कृति और नौकरी देने के तरीकों की आलोचना की है। इसमें खासतौर से एच1 बी वीजा का जिक्र किया गया है।

ट्रंप के करीबी एक रिपब्लिकन रणनीतिकार ने कहा, ‘विवेक ने वापसी के सारे रास्ते तबाह कर दिए हैं और अंत में उन्होंने एलन को भी नाराज कर दिया।

‘ उन्होंने कहा, ‘सभी उन्हें ट्वीट के पहले बाहर करना चाहते थे, लेकिन जब उन्होंने ऐसा किया तो उन्हें बाहर कर दिया गया।’

रामस्वामी के बयानों को लेकर खासा विवाद हुआ था। आलोचकों का कहना है कि वह अमेरिकी कर्मियों को कमजोर दिखा रहे हैं।

वहीं, कुछ ने उनकी बात का समर्थन किया। दरअसल, एच1 वीजा एक गैर अप्रवासी वीजा कार्यक्रम है, जिसकी मदद से अमेरिकी की कंपनियां अस्थाई रूप से विदेशी कर्मचारियों को नौकरी देती हैं।

इनमें खासतौर से ऐसे काम होते हैं, जिनमें विशेष हुनर और ज्ञान की जरूरत होती है। अमेरिका में सबसे ज्यादा एच1 बी वीजा धारक भारतीय हैं।

हालांकि, उन्होंने DOGE से बाहर जाने के बाद भी टीम, ट्रंप और मस्क को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा, ‘DOGE के निर्माण में सहायता करना मेरे लिए सम्मान की बात थी।

मुझे पूरा भरोसा है कि एलन और उनकी टीम सरकार को व्यवस्थित करने में सफल रहेगी।

मैं ओहायो में अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में और भी कुछ कहूंगा। सबसे जरूरी है कि हम अमेरिका को फिर महान बनाने में ट्रंप की मदद के लिए खड़े हैं।’

गवर्नर का चुनाव लड़ेंगे

रामास्वामी ओहायो के गवर्नर पद का चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। मीडिया में आई अनेक खबरों में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।

रामास्वामी ने इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से उम्मीदवारी पेश की थी लेकिन बाद में वह इस दौड़ से हट गए थे। रामास्वामी को ट्रंप और उपराष्ट्रपति जे डी वेंस का करीबी माना जाता है।

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