डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद उनकी कई नीतियों को लेकर दुनियाभर के देश परेशान हैं।
वहीं ट्रंप ने अपनी कैबिनेट बनानी शुरू कर दी है। कार्यकाल के पहले ही दिन मार्को रुबियो को विदेश मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई है।
उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने उन्हें शपध दिलाई। रुबियो को डोनाल्ड ट्रंप का भी करीबी माना जाता है।
डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ग्रहण के बाद ही कहा था कि वह वह अमेरिका फर्स्ट की नीति पर चलेंगे। इसके अलावा उन्होंने इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का भी ऐलान कर दिया था। ऐसे में सेक्रेटरी ऑफ स्टेट मार्को रूबिनो पर बड़ी जिम्मेदारी आने वाली है।
उन्हें शपथ दिलाने के बाद जेडी वेंस ने कहा, मार्को वॉशिंगटन में हमारे चहेते लोगों में से एक हैं। यह एक क्यूबन शख्स के बेटे हैं।
उनका इस देश से बहुत प्रेम है। शपथ लेने के बाद रुबियो ने कहा, प्रेसिडेंट ट्रंप ने मुझपर भरोसा किया। उन्होंने जो भी देश को वादा किया है उसको पूरा करने के लिए मैं पूरी मेहनत करूंगा। देश हित में जनता के आदेश का पालन करूंगा।
उन्होंने कहा, मैं जो भी करूंगा उसे तीन कसौटियों पर कसा जा सकता है। पहला कि क्या इससे देश मजबूत होगा। दूसरा क्या है सुरक्षित है और तीसरा कि क्या इससे समृद्धि बढऩे वाली है।
अगर इनमे से कोई एक भी उद्देश्य पूरा नहीं होता है तो वह काम नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका शांति के लिए कार्य करेगा।
बता दें कि विदेश मंत्री रुबियो सबसे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक करेगे।
जयशंकर अमेरिकी सरकार के निमंत्रण पर अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं।
ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। विदेश विभाग ने शीर्ष अमेरिकी राजनयिक के रूप में नए विदेश मंत्री के पहले दिन के कार्यक्रम को जारी करते हुए कहा, “ रुबियो ने विदेश विभाग में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से मुलाकात की।”
विश्व के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो शीर्ष राजनयिकों के बीच यह बैठक विदेश विभाग के फॉगी बॉटम मुख्यालय में होगी, जो उसी भवन में पहली क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक के तुरंत बाद होगी। बताया गया, “सचिव रुबियो ने विदेश विभाग में हिंद-प्रशांत क्वाड के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की।”
क्वाड ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका का एक अनौपचारिक समूह है। यह (क्वाड) पहले कार्यकाल में ट्रंप प्रशासन की पहल थी।
बाइडन प्रशासन ने इसे नेतृत्व स्तर तक बढ़ा दिया। रूबियो का क्वाड मंत्रिस्तरीय – पहली बहुपक्षीय बैठक के रूप में – और भारत के साथ पहली द्विपक्षीय बैठक करने का निर्णय इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि नए प्रशासन का पहला विदेशी संपर्क पारंपरिक रूप से अपने दो पड़ोसियों कनाडा और मेक्सिको या अपने नाटो सहयोगियों के साथ रहा है।
फ्लोरिडा से पूर्व अमेरिकी सीनेटर रुबियो को अमेरिकी सीनेट ने सर्वसम्मति से 99-0 मतों से मंजूरी दी। सभी मौजूदा 99 सीनेटरों ने रुबियो के पक्ष में मतदान किया, जिसमें खुद रुबियो भी शामिल थे।
उपराष्ट्रपति जे डी वेंस के ओहायो से अमेरिकी सीनेटर के पद से इस्तीफा देने के बाद वर्तमान में सीनेट में एक स्थान रिक्त है।