राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा, एलन मस्क के DOGE से जुड़ा है कनेक्शन…

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शपथ लेने के कुछ मिनटों बाद ही मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है।

खबर है कि अमेरिका के सबसे बड़े कर्मचारी संघ ने DOGE योजना को लेकर उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया है।

दरअसल, ट्रंप ने इस विभाग का जिम्मा अरबपति एलन मस्क को सौंपा है, जिसका काम अरबों डॉलर के सरकारी खर्चों में कटौती करना है।

अमेरिकन फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट एम्पलॉइज (AFGE) और नॉन प्रॉफिट पब्लिक सिटिजन की तरफ से मुकदमा किया गया है।

AFGE का कहना है कि वह चाहते हैं कि DOGE यानी डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफीशिएंसी सलाहकार समिति की जरूरतों का अनुपालन करे।

कहा जा रहा है कि ट्रंप और मस्क के 2 ट्रिलियन डॉलर को बचाने की योजना ने कई लोगों के मन में नौकरी जाने के डर को जन्म दे दिया है।

AFGE ने कोर्ट से अपील की है कि DOGE को सलाहकार समिति की तरह काम करने से तब तक रोका जाए, जब तक वह संघीय नियमों का पालन नहीं करती है।

ट्रंप ने कहा- अभी से शुरू होता है अमेरिका का स्वर्ण युग

शपथ लेने के बाद ट्रंप ने कई कार्यकारी निर्णयों की घोषणा की और कहा कि अमेरिका का ‘स्वर्ण युग’ अभी से शुरू होता है।

ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण के बाद एक जोरदार संबोधन में 20 जनवरी के दिन को ‘लिबरेशन डे’ ​​बताया। उन्होंने कहा कि अब अमेरिका के अच्छे दिनों की शुरुआत होगी और परिवर्तन ‘बहुत जल्दी’ आएगा।

उन्होंने कहा, ‘अमेरिका पृथ्वी पर सबसे महान, सबसे शक्तिशाली, सबसे सम्मानित राष्ट्र के रूप में अपना उचित स्थान पुनः प्राप्त करेगा, जिससे देश को पूरी दुनिया की प्रशंसा प्राप्त होगी।’

व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्राथमिकता ‘अमेरिका प्रथम’ है और इसमें अमेरिका को फिर से सुरक्षित बनाना, देश को किफायती बनाना, ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाना और अमेरिकी मूल्यों को फिर से स्थापित करना शामिल है।

अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप के शपथ ग्रहण के कुछ ही मिनटों बाद, व्हाइट हाउस ने कहा कि वह सीमा को सुरक्षित करने और अमेरिकी समुदायों की रक्षा करने के लिए साहसिक कदम उठाएंगे।

इसमें बाइडन की ‘पकड़ो और छोड़ो नीतियों’ को समाप्त करना, मैक्सिको में बने रहने की नीति को बहाल करना, दीवार का निर्माण करना, अवैध सीमा पार करने वालों के लिए शरण समाप्त करना, आपराधिक शरणगाहों पर नकेल कसना और विदेशियों की जांच और जांच बढ़ाना शामिल है।

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