दिल्ली को यूं ही दिलवालों का शहर नहीं कहा जाता बल्कि इस बात को समय-समय पर वे साबित भी करते हैं।
राजनीतिक दलों को सबसे ज्यादा चंदा देने में दिल्ली वालों ने 850 में से 276 करोड़ रुपये देकर दरियादिली दिखाई है। निर्वाचन आयोग में पेश सियासी दलों के लेखा-जोखा के विश्लेषण से यह खुलासा हुआ है।
गैर सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने निर्वाचन आयोग में राजनीतिक दलों द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में मिले चंदे को लेकर पेश लेखा-जोखा का विश्लेषण कर यह रिपोर्ट जारी की है।
एडीआर की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा, कांग्रेस, बसपा, ‘आप’ सहित छह राष्ट्रीय दलों को वर्ष 2022-23 में कुल 850 करोड़ रुपये चंदा मिला। इनमें से दिल्ली वालों ने 276 करोड़ रुपये दिए।
राष्ट्रीय दलों को चंदा देने वालों में 160 करोड़ के साथ गुजरात दूसरे पायदान पर है जबकि तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र (96 करोड़), चौथे स्थान पर कर्नाटक (92 करोड़) और पांचवे स्थान पर पश्चिम बंगाल ने 52 करोड़ रुपये दिए।
दलों को 52 करोड़ रुपये कहां से मिले, इसका पता नहीं चला है। 150 करोड़ अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मिले। आंकड़ों के अनुसार, न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि क्षेत्रीय दलों को भी सबसे ज्यादा चंदा दिल्ली वालों ने ही दिया।
तेलंगाना दूसरे तो आंध्र प्रदेश तीसरे पायदान पर
एडीआर रिपोर्ट में कहा गया कि क्षेत्रीय दलों को वित्तीय वर्ष 2022- 23 के दौरान कुल 216 करोड़ रुपये चंदा मिला। इनमें से अकेले दिल्ली वालों ने 107 करोड़ रुपये क्षेत्रीय दलों को चंदा दिया।
रिपोर्ट से इस बात का भी पता चलता है कि दिल्ली वालों ने यह देखे बगैर चंदा दिया कि क्षेत्रीय दल किस राज्य का है।
क्षेत्रीय दलों को चंदा देने में तेलांगना लगभग 63 करोड़ रुपये चंदा देकर दूसरे स्थान पर, जबकि आंध्र प्रदेश आठ करोड रुपये का चंदा देकर तीसरे और पश्चिम बंगाल सात करोड़ देकर चौथे स्थान पर है।