अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को कहा कि उनकी प्रशासनिक टीम और आने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टीम गाजा संघर्ष पर समझौते को लेकर एक साथ काम कर रही है।
उन्होंने समझौते के तीन चरणों की रूपरेखा भी पेश की और कहा कि पहले चरण के दौरान जब छह हफ्तों का संघर्षविराम होगा तो इस दौरान इजरायल अगली प्रक्रिया के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं पर बातचीत करेगा।
उन्होंने कहा कि इस दूसरे चरण का उद्देश्य “युद्ध का स्थायी अंत” सुनिश्चित करना होगा। कतर की राजधानी दोहा में कई हफ्तों की बातचीत के बाद हुए इस समझौते में हमास की ओर से चरणबद्ध तरीके से बंधकों की रिहाई, इजरायल में सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई और गाजा में विस्थापित हजारों लोगों को वापस लौटने की अनुमति देना शामिल है।
बाइडन ने बताया कि पहले और दूसरे चरण के बीच के “कई बिंदुओं” पर चर्चा की जाएगी। अगर इन चर्चाओं में छह सप्ताह से अधिक समय लगता है, तो संघर्षविराम तब तक जारी रहेगा जब तक बातचीत चलती रहेगी।
दूसरे चरण में सभी शेष जीवित बंधकों की रिहाई का प्रावधान है, जिसमें पुरुष सैनिक भी शामिल होंगे। इस चरण में इजरायली बलों को गाजा से पूरी तरह हटाने और संघर्षविराम को स्थायी बनाने पर भी सहमति बनेगी। तीसरे चरण में उन बंधकों के अवशेष उनके परिवारों को सौंपे जाएंगे जिनकी मौत हो चुकी है।
जब बाइडन से पूछा गया कि इस समझौते के लिए वह आने वाले ट्रंप प्रशासन को कितना श्रेय देंगे, तो उन्होंने कहा, “यह वही रूपरेखा है जो मैंने मई में प्रस्तावित की थी।
बिल्कुल वही।” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि यह समझौता अगले प्रशासन के दौरान लागू होगा, इसलिए उन्होंने अपनी टीम से ट्रंप की टीम के साथ निकट समन्वय बनाए रखने को कहा है।
अपने विदाई भाषण में जो बाइडन ने कहा, “पिछले कुछ दिनों में हम एक ही टीम के रूप में बात कर रहे हैं। मैंने 31 मई, 2024 को इस योजना की सटीक रूपरेखा प्रस्तुत की थी, जिसके बाद इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी।
यह केवल हमास पर पड़े दबाव और क्षेत्रीय समीकरण में बदलाव का परिणाम नहीं है, बल्कि अमेरिकी कूटनीति की कठोर और सावधानीपूर्वक कोशिशों का भी नतीजा है।”
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने जो बाइडन प्रशासन के साथ काम करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, “निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप की टीम ने इस सौदे को अंतिम रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हम, निश्चित रूप से, इस संघर्ष विराम समझौते पर हमारे साथ काम करने के लिए ट्रंप टीम को धन्यवाद देते हैं। हमें लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि वे इस वार्ता में शामिल थे।”
दूसरी ओर, डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते को “एपिक” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह समझौता उनकी “ऐतिहासिक” जीत के कारण संभव हो सका, जिसने दुनिया को संकेत दिया कि उनकी प्रशासन शांति को प्राथमिकता देगा।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर कहा, “यह समझौता मेरे प्रशासन की शांति और सौदेबाजी की नीति का परिणाम है, जो सभी अमेरिकियों और हमारे सहयोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।”