मकर संक्रांति 14 को, जानें कब से कब तक रहेगा महापुण्य काल…

मकर संक्रांति का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। 

मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी मंगलवार को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान, पूजा, जप-तप और दान करने का विधान है।

माघ कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर संक्रांति वह समय होता है, जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है।

इस दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग रहेगा। इस बार पुण्यकाल 14 जनवरी को सुबह 9.12 बजे से शुरू होगा, जो सूर्यास्त के समय 5.17 बजे तक रहेगा। इसमें स्नान, दान, जाप कर सकते हैं।

मकर संक्रांति का महापुण्य काल प्रातः काल 9.12 बजे से दिन के 11.46 बजे तक रहेगा।

उन्होंने बताया कि भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस बार सूर्य 14 जनवरी की दिन में 2 बजकर 58 मिनट के बाद मकर राशि में प्रवेश कर रहा हैं।

इस कारण 14 जनवरी मंगलवार को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। शास्त्रों के मुताबिक, मकर संक्रांति तिथि पर सूर्य उत्तरायण होते हैं।

यह समय देवताओं का दिन होता है। इस दौरान प्रकाश में वृद्धि होती है। धार्मिक मत है कि मकर संक्रांति तिथि पर स्नान-ध्यान कर पूजा-पाठ करने से असीम फल की प्राप्ति होती है।

15 से शुरू हो जाएंगे मांगलिक कार्यक्रम

मकर संक्रांति के साथ 14 जनवरी से खरमास समाप्त हो जाएगा।

पंडित प्रभात मिश्र ने बताया कि खरमास के बाद विवाह, उपनयन संस्कार, मुंडन समेत सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत 15 जनवरी से हो जाएगी। उन्होंने बताया कि 16 जनवरी से लग्न मुहूर्त की शुरुआत होगी।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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