प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति पर्व का बड़ा महत्व है।
पंचांग के अनुसार, जिस दिन सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। उस दिन मकर संक्रांति मनाया जाता है।
इस पावन पर्व पर पवित्र नदी में स्नान और दान-पुण्य के कार्यों को बेहद शुभ माना गया है। मकर संक्रांति को खिचड़ी और उत्तरायण भी कहा जाता है।
इस साल 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति मनाया जाएगा। मकर संक्रांति के दिन ही पोंगल पर्व भी मनाया जाता है। वहीं, इसके एक दिन पहले 13 जनवरी को लोहड़ी का त्योहार मनाया जाएगा।
आइए जानते हैं मकर संक्रांति, लोहड़ी,पोंगल और उत्तरायण पर्व की सही तिथि और शुभ मुहूर्त…
कब है मकर संक्रांति ?
दृक पंचांग के अनुसार, 14 जनवरी 2025 को सूर्यदेव सुबह 09 बजकर 03 मिनट पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर संक्रांति में उदयातिथि की मान्यता नहीं होती है।इसलिए 14 जनवरी 2025 को ही मकर संक्रांति मनाया जाएगा।
स्नान दान मुहूर्त: 14 जनवरी को मकर संक्रांति का काल मुहूर्त पुण्य मुहूर्त सुबह 09:03 ए एम से 05:46 पी एम तक है। इसके साथ ही सुबह 09:03 ए एम से 10:48 ए एम तक महापुण्य काल मुहूर्त है। मकर संक्रांति के दिन महा पुण्य काल सुबह 09:03 बजे से 10:48 बजे तक स्नान-दान के कार्यों के लिए शुभ समय माना जाता है।
पोंगल : मकर संक्रांति के दिन ही पोंगल पर्व मनाया जाता है। इसलिए 14 जनवरी 2025 को पोंगल है। यह पर्व दक्षिण भारत में बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य के उत्तरायण होने और राजा बली को समर्पित माना जाता है।
लोहड़ी :लोहड़ी का पर्व मुख्य रूप से हरियाणा और पंजाब में मनाया जाता है। हर साल मकर संक्रांति के एक दिन पहले संध्याकाल में लोहड़ी पर्व मनाते हैं। इस साल 13 जनवरी 2025 को लोहड़ी मनाया जाएगा। लोहड़ी के दिन रात्रि में अग्नि जलाकर उसमें तिल, गुड़,मूंगफली, रेवड़ी, खील और मक्की के दानों की आहुति दी जाती है। इस दौरान लोहड़ी के गीत गाकर जश्न मनाते हैं।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।