बांग्लादेश में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है।
देश के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने यह दावा किया है कि वर्ष 2025 मानवाधिकार हनन और अन्य अपराधों के मामलों में न्याय का साल होगा।
उनके इस बयान का सीधे-सीधे इशारा बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की तरफ था। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके नेतृत्व वाली अवामी लीग के खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई जल्द ही शुरू होगी।
मुख्य अभियोजक का ऐलान
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य अभियोजक ने घोषणा की कि न्याय प्रक्रिया मुख्य भवन में प्रधान न्यायाधीश की सहमति के बाद आरंभ होगी।
उन्होंने कहा, “अवामी लीग सरकार द्वारा किए गए सभी अपराधों की जांच और सुनवाई तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है। खासकर जुलाई-अगस्त में हुए मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की जांच जारी है।”
हसीना के खिलाफ केस और गिरफ्तारी वारंट
ढाका के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने मानवाधिकार उल्लंघन के कई धाराओं में शेख हसीना के खिलाफ केस दर्ज किया है। उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो चुका है।
यूनुस सरकार ने उनकी वतन वापसी के लिए भारत से सहयोग मांगा है। हालांकि, साउथ ब्लॉक की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
विपक्ष की मांग: पहले हसीना का मुकदमा, फिर चुनाव
छात्रदल और यूनुस सरकार ने अवामी लीग और शेख हसीना को लेकर तीखी मांगें रखी हैं। उनका कहना है कि मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों में पहले हसीना का न्यायिक प्रक्रिया से सामना हो, अवामी लीग पर प्रतिबंध लगे और उसके बाद ही देश में चुनाव संभव होगा।
क्या बांग्लादेश रच रहा है गुप्त रणनीति?
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अवामी लीग के खिलाफ मामलों की प्रक्रिया जारी रखने के लिए शेख हसीना को देश वापस लाने की कोशिशें तेज हो रही हैं। इस बीच, सियासी पंडितों का मानना है कि सरकार इस मामले में गुप्त रणनीति अपना सकती है।
बांग्लादेश में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि शेख हसीना की वतन वापसी और उनके खिलाफ मुकदमे की प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ती है। क्या 2025 वास्तव में बांग्लादेश की राजनीति में न्याय का साल बन पाएगा? यह सवाल समय के साथ स्पष्ट होगा।