अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति रहे जिमी कार्टर का 100 साल की आयु में निधन हो गया है।
उनका लंबे समय से इलाज चल रहा था। उनकी पत्नी रोसालिन का नवंबर 2023 में निधन हुआ था।
उनके निधन पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शोक जताते हुए कहा कि दुनिया ने एक बड़ा नेता खो दिया है। वह बड़े मानवतावादी थे।
बाइडेन ने कहा कि कार्टर उनके दोस्त थे। बता दें कि जिमी कार्टर की पहचान गरीबों और वंचितों की सेवा, उनके अधिकारों की वकालत और अमेरिका में निष्पक्ष चुनाव के लिए कड़े कदम उठाने वाली शख्सियत के तौर पर है।
जिमी कार्टर पिछले कुछ दिनों से मेलानोमा बीमारी से पीड़ित थे। यह स्किन कैंसर का ही एक रूप होता है।
बताया जाता है कि बीमारी की वजह से उनकी दिमाग और लिवर तक डैमेज हो चुका था। 2023 में ही उन्होंने फैसला लिया है कि अब घर पर ही उनका इलाज किया जाएगा। घर पर ही डॉक्टरों और नर्सों की मौजूदगी में उनका इलाज चल रहा था।
बता दें कि राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद भी वह मानवता के कार्यों में लगे रहे और इसलिए 2002 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था।
जिमी कार्टर के बेटे चिप कार्टर ने कहा कि वह मेरे लिए ही नहीं बल्कि आम जनता के भी हीरो थे। वह लोगों से निस्वार्थ प्रेम करते थे और मानवता की सेवा में ही अपना जीवन लगा दिया।
वह पूरे विश्व को ही परिवार की नजर से देखते थे। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दुख जताते हुए कहा कि कार्टर ने सबको सेवा, न्याय, विनम्रता का पाठ पढ़ाया। हम लोगों ने एक महान शख्स से बहुत कुछ सीखा और उनसे प्रेम करने की सीख ली।
जिमी कार्टर का न्म 1924 में एक किसान के घर में हुआ था। 1960 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा। 1946 में उनकी शादी हुई थी।
पहले वह नौसेना में थे लेकिन बाद में उनका रुख राजनीति की तरफ हुआ। कार्टर ने करीब 30 किताबें लिखी हैं। 1971 में वह गवर्नर बने और 6 साल बाद रिपब्लिकन पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया।