पुरानी कहावत है कि भले सांप को दूध पिलाओ… मौका मिलने पर वो आपको डसेगा ही।
पाकिस्तान और तालिबान पर यह कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है। पाकिस्तान अपने यहां आतंकी हमलों से त्रस्त चल रहा है।
पिछले कुछ समय से उसके यहां कई लोग यहां तक की फौज, पुलिस और चीनी नागरिक मारे जा रहे हैं। मन मारकर उसने बीते दिनों अफगानिस्तान में एयर स्ट्राइक कर दी।
पाकिस्तान ने कहा कि यह हमला टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान) को नष्ट करना था। हालांकि तालिबान इस स्ट्राइक से बौखला गया है।
उसने कहा कि हमले में महिलाओं, बच्चों समेत 46 लोग मारे गए। अब रिपोर्ट सामने आई है कि 15 हजार तालिबान लड़ाके पाकिस्तान की तरफ निकल चुके हैं। यह दक्षिण एशिया में युद्ध का नया आगाज हो सकताहै।
पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने मंगलवार रात अफगानिस्तान के पूर्वी पक्तिका प्रांत में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के शिविरों पर हवाई हमले किए, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित कम से कम 46 लोग मारे गए, जबकि कई अन्य घायल हो गए।
मामले में तालिबान सरकार ने अफगानिस्तान के पश्चिमी प्रांत पक्तिका पर बमबारी को लेकर काबुल में पाकिस्तान के प्रभारी डी’एफ़ेयर को तलब किया है।
मंत्रालय ने बयान में कहा “कड़े विरोध के संकेत के रूप में हमने पाकिस्तानी राजनयिक को हालिया हवाई हमलों की निंदा करते हुए एक नोट सौंपा।”
तालिबान ने कर दिया हमले का ऐलान
काबुल में तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने हमले का बदला लेने की कसम खाई है, जिसे उसने “बर्बर” और “स्पष्ट आक्रमण” कहा है। य
ही कारण है कि लगभग 15,000 तालिबान लड़ाके कथित तौर पर काबुल, कंधार और हेरात से पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से सटे मीर अली सीमा की ओर कूच कर रहे हैं।
तालिबान क्यों बौखलाया
पाकिस्तान द्वारा मंगलवार रात को किए गए हमलों में कथित तौर पर पाकिस्तान के वजीरिस्तान क्षेत्र के तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) इस्लामी समूह के लड़ाकों को निशाना बनाया गया, जो अफगानिस्तान भाग गए थे।
पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि हमलों में कई आतंकवादी मारे गए और टीटीपी के चार परिचालन ठिकाने नष्ट हो गए। अफ़ग़ान अधिकारी वज़ीरिस्तानी शरणार्थियों को जनजातीय क्षेत्रों के सामान्य नागरिक मानते हैं जिन्हें पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के सैन्य अभियानों के कारण अपने घरों से भागना पड़ा है।