अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी “टैरिफ-प्रेमी” छवि को एक बार फिर से स्पष्ट कर दिया है।
ट्रंप का मानना है कि टैरिफ न केवल अमेरिकी उद्योगों को पुनर्जीवित करेंगे बल्कि सरकार के राजस्व को भी बढ़ाएंगे।
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इससे घरेलू उपभोक्ताओं और व्यापारों को ऊंची कीमतों और सप्लाई चैन में बाधाओं का सामना करना पड़ेगा।
अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी है कि अगर यूरोपीय संघ अमेरिका से ज्यादा तेल और गैस नहीं खरीदता है तो वह टैरिफ लगा देंगे।
ट्रंप ने यह चेतावनी अगले महीने अपने शपथ ग्रहण से पहले दी। 20 जनवरी को पदभार ग्रहण करने वाले ट्रंप ने पहले ही अमेरिका के कुछ शीर्ष व्यापारिक साझेदारों पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में हलचल मच सकती है।
उन्होंने पिछले महीने कहा था कि अगर कनाडा और मैक्सिको ने अमेरिका के साथ अपनी सीमाओं पर मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए और अधिक कदम नहीं उठाए तो वे उन पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं।
ट्रंप ने चीन और यहां तक कि भारत को भी टैरिफ की धमकी है। ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि ट्रंप का ये टैरिफ वाला हथियार है क्या और कितना कारगर है।
टैरिफ क्या है?
टैरिफ एक प्रकार का कर (ड्यूटी) है जो किसी देश द्वारा आयातित या निर्यातित वस्तुओं पर लगाया जाता है।
इसका मुख्य उद्देश्य आयातित वस्तुओं यानी विदेश से मंगाई वस्तुओं को महंगा बनाना होता है, ताकि घरेलू उत्पादों को बढ़ावा मिले।
टैरिफ आमतौर पर व्यापार नीति का हिस्सा होते हैं और विभिन्न उद्देश्यों के लिए लगाए जा सकते हैं, जैसे घरेलू उद्योग की सुरक्षा, राजस्व जुटाना, या विदेशी प्रतिस्पर्धा को नियंत्रित करना।
ट्रंप द्वारा टैरिफ की धमकी क्यों दी जा रही है?
डोनाल्ड ट्रंप का उद्देश्य अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करना और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना है।
उनका मानना है कि कई देश, जैसे यूरोपीय संघ, कनाडा, मैक्सिको, चीन और भारत, अमेरिका के साथ असंतुलित व्यापार करते हैं। इस असंतुलन को दूर करने के लिए, ट्रंप ने इन देशों पर टैरिफ लगाने की धमकी दी है।
यूरोपीय संघ (EU): ट्रंप चाहते हैं कि EU बड़ी मात्रा में अमेरिकी तेल और गैस खरीदे ताकि व्यापार घाटा कम हो।
कनाडा और मैक्सिको: ट्रंप ने दोनों देशों को 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी है, अगर वे अमेरिका में गैरकानूनी प्रवास और मादक पदार्थों की तस्करी को नियंत्रित नहीं करते।
चीन: ट्रंप ने चीन पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की बात कही है, जो अमेरिका का प्रमुख भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी है।
भारत: भारत को भी व्यापार असंतुलन के कारण टैरिफ की धमकी दी गई है।
टैरिफ कितना प्रभावी है?
टैरिफ का प्रभाव आर्थिक और राजनीतिक स्थितियों पर निर्भर करता है।
फायदे:
घरेलू उद्योगों की सुरक्षा: टैरिफ आयात को महंगा बनाकर घरेलू उत्पादकों को बढ़ावा देता है।
सरकारी राजस्व: आयात कर के रूप में सरकार को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होता है।
व्यापार घाटा कम करना: टैरिफ से विदेशी वस्तुओं का आयात कम हो सकता है, जिससे व्यापार संतुलन बेहतर होता है।
नुकसान:
उपभोक्ताओं पर प्रभाव: टैरिफ आयातित वस्तुओं को महंगा बनाता है, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक कीमत चुकानी पड़ती है।
वैश्विक व्यापार विवाद: टैरिफ लगाने से व्यापारिक साझेदार देशों के साथ विवाद बढ़ सकता है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है।
प्रतिशोध (Retaliation): जिन देशों पर टैरिफ लगाया जाता है, वे भी जवाब में टैरिफ लगा सकते हैं, जिससे व्यापारिक तनाव और बढ़ जाता है।