क्रिसमस के एक दिन पहले यानी 24 दिसंबर को एक एस्टेरॉयड पृथ्वी के सबसे करीब पहुंचेगा।
इस एस्टेरॉयड का नाम 2024 XN1 रखा गया है। 120 फीट लंबा यह खगोलीय पिंड करीब 7.2 मिलियन किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा, जो पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की औसत दूरी का 16 गुना है।
वैज्ञानिकों ने इस घटना पर कड़ी नजर रखे हुए हैं, उनका दावा है कि इससे पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है।
कितनी करीब होगा यह एस्टेरॉयड?
यह एस्टेरॉयड भारतीय समयानुसार सुबह 2:57 बजे अपने निकटतम बिंदु पर पहुंचेगा। 14,743 मील प्रति घंटे की गति से यात्रा कर रहा यह पिंड पृथ्वी से करीब 4.48 मिलियन मील दूर रहेगा।
ऐसे खगोलीय पिंड हमारे सौर मंडल के शुरुआती दिनों के अवशेष हैं। जब इनकी कक्षा पृथ्वी के करीब आती है, तो उनकी निगरानी जरूरी हो जाती है।
डायनासोर के विलुप्त होने जैसे घटनाओं से सीख लेते हुए वैज्ञानिक इन पिंडों पर बारीकी से नजर रखते हैं।
कैसे की जाती है निगरानी?
नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके एस्टेरॉयड्स की गति और संरचना पर नजर रखती हैं। OSIRIS-REx और हायाबुसा2 जैसे मिशन एस्टेरॉयड्स से सैंपल इकट्ठा कर इनके इतिहास को समझने में मदद करते हैं।
पृथ्वी के लिए एस्टेरॉयड्स बन सकते हैं बड़ा खतरा
एस्टेरॉयड्स पृथ्वी के लिए गंभीर चुनौती पेश कर सकते हैं। इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि डायनासोर की अधिकतर प्रजातियां एक एस्टेरॉयड के कारण विलुप्त हो गई थीं।
नासा ऐसे खतरों से निपटने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में नासा ने डार्ट मिशन शुरू किया, जिसके जरिए एस्टेरॉयड की कक्षा को बदला गया।
वैज्ञानिकों का कहना है कि एस्टेरॉयड की दिशा को मोड़कर पृथ्वी पर आने वाले संभावित खतरों को टाला जा सकता है।