11 दिन बीत गए, लेकिन व्लादिमीर पुतिन अब तक अपने दोस्त बशर अल-असद से नहीं मिल सके; जानिए इसकी वजह…

यूक्रेन से युद्ध के बीच व्लादिमीर पुतिन ने तीसरी बार सालाना संवाददाता सम्मेलन में देश को संबोधित किया।

रूस में दिसंबर महीने में ‘कॉल-इन शो’ कार्यक्रम के तहत पुतिन रूसियों के सवालों का बेबाकी से जवाब देते हैं। इस साल पुतिन से आम लोगों ने 20 लाख से अधिक सवाल पूछे थे।

जिनमें से कुछ का पुतिन ने जवाब दिया है। इसमें यूक्रेन युद्ध, ट्रंप से मुलाकात समेत रूस की आर्थिक स्थिति से जुड़े सवाल शामिल थे।

सवालों में एक सीरिया के अपदस्थ तानाशाह बशर अल-असद से जुड़ा सवाल भी था। पुतिन से उनकी और असद से मुलाकात के बारे में पूछा गया तो पुतिन ने कहा कि 11 दिन पहले मॉस्को पहुंचे असद और उनकी अभी मुलाकात नहीं हो पाई है, लेकिन हम जरूर मिलेंगे।

‘कॉल-इन शो’ ऐसा वार्षिक कार्यक्रम है, जिसका इस्तेमाल वह अपने प्रभुत्व का अहसास बनाये रखने और देश के राजनीतिक परिदृश्य पर व्यापक नियंत्रण होने का प्रदर्शन करने के लिए करते रहे हैं। पुतिन ने रूस की आर्थिक स्थिति के बारे में कहा कि इस वर्ष यह लगभग चार प्रतिशत बढ़ने की राह पर है।

उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि उपभोक्ता मुद्रास्फीति 9.3 प्रतिशत के उच्च स्तर पर है, लेकिन उन्होंने इसे कम करने के लिए केंद्रीय बैंक के प्रयासों का उल्लेख किया तथा इस बात पर जोर दिया कि अर्थव्यवस्था में स्थिति ‘‘स्थिर’’ बनी हुई है।

बशर अल-असद से मुलाकात पर पुतिन

पुतिन ने कहा कि वह सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद से उस अमेरिकी पत्रकार की स्थिति के बारे में पूछेंगे जो 12 साल पहले सीरिया में लापता हो गया था।

पुतिन ने आगे कहा कि उन्होंने अभी तक असद से मुलाकात नहीं की है। असद ने बीते 8 दिसंबर को विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम के हमलों के बाद सीरिया छोड़ दिया था और मॉस्को भाग गए थे।

पुतिन ने आगे कहा कि उनकी जल्द ही असद से मुलाकात करने की योजना है और वह उनसे अमेरिकी पत्रकार ऑस्टिन टाइस के बारे में पूछेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सवाल उन लोगों से भी पूछ सकते हैं जो सीरिया में जमीनी स्तर पर स्थिति को नियंत्रित करते हैं।’’

सीजफायर पर यूक्रेन को फिर दिया ऑफर

यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई और पश्चिमी देशों के साथ बढ़ते तनाव से जुड़े सवाल पर पुतिन ने कहा कि रूस संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत के लिए तैयार है लेकिन उन्होंने अपनी मांग दोहराई कि यूक्रेन को उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने की अपनी चाहत को छोड़ देना चाहिए।

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