खालिस्तान समर्थकों ने ही किया विश्वासघात, जस्टिन ट्रूडो से मांगा इस्तीफा; राजनीतिक संकट गहराया…

कनाडा में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर इस्तीफे का दबाव बढ़ता जा रहा है।

विपक्षी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के नेता जगमीत सिंह ने भी प्रधानमंत्री ट्रूडो से इस्तीफा देने की मांग की है।

उन्होंने देश में बढ़ती महंगाई और अमेरिका के राष्ट्रपति-निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप के 25% टैरिफ की धमकी को लेकर ट्रूडो सरकार पर जमकर निशाना साधा।

जगमीत सिंह कनाडा की बड़ी पार्टियों में से एक न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के नेता हैं। जगमीत सिंह खालिस्तानी समर्थक हैं और इसने उनकी राजनीति को निर्धारित करने में बहुत मदद की है।

जगमीत सिंह ने कहा, “आज मैं जस्टिन ट्रूडो से इस्तीफे की मांग करता हूं। जब कनाडाई जनता को ऐसे नेता की जरूरत है जो उनके लिए लड़े, वो भी तू जब लिबरल पार्टी खुद के अंदर लड़ाई कर रही है।”

उन्होंने कहा कि देश की जनता महंगाई से परेशान है, आवास ढूंढने में मुश्किलें हो रही हैं, और अब डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ की धमकी ने कई नौकरियों को खतरे में डाल दिया है।

जगमीत सिंह सिख समुदाय का हिस्सा हैं, जो कनाडा की आबादी का सिर्फ़ 2% है, लेकिन कनाडा की राजनीति पर इसका बहुत बड़ा असर है।

एक समय ऐसा भी था जब प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार जगमीत की एनडीपी के समर्थन के कारण बची थी। उन्होंने 2025 के चुनाव से पहले ट्रूडू की लिबरल पार्टी से पार्टी को अलग करने के लिए समर्थन वापस ले लिया था, लेकिन भारत के साथ टकराव में पीएम ट्रूडो का समर्थन किया।

फ्रीलैंड के इस्तीफे से बढ़ा संकट

जगमीत सिंह का यह बयान उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड के अप्रत्याशित इस्तीफे के कुछ घंटों बाद आया है। फ्रीलैंड ने डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों को लेकर ट्रूडो के साथ मतभेद के बाद इस्तीफा दे दिया।

लिबरल पार्टी के करीब एक तिहाई सांसद अब नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहे हैं, जिससे ट्रूडो के सामने गहरा राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लिबरल पार्टी के 153 सांसदों में से 60 ने ट्रूडो के खिलाफ बगावत कर दी है।

फ्रीलैंड का इस्तीफा और चेतावनी

क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने अपने इस्तीफे के पत्र में कनाडा के सामने मौजूद “गंभीर चुनौती” का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडाई आयात पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी देश के लिए एक बड़ा आर्थिक खतरा है। फ्रीलैंड पहले पत्रकार रह चुकी हैं।

वह ट्रूडो की सरकार में एक प्रमुख चेहरा थीं। उन्होंने यूरोपीय संघ और अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताओं का नेतृत्व किया था और हाल ही में ट्रंप की नीतियों के खिलाफ कनाडा की प्रतिक्रिया को संभाला था।

फ्रीलैंड ने अपने पत्र में बताया कि ट्रूडो ने उन्हें कैबिनेट में फेरबदल का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकराते हुए इस्तीफा देना उचित समझा।

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने बार-बार ट्रंप के टैरिफ खतरों को गंभीरता से लेने की अपील की थी और वित्तीय रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता पर जोर दिया था।

ट्रूडो पर बढ़ता दबाव

उधर, प्रधानमंत्री ट्रूडो ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वे पद छोड़ेंगे या नहीं। कनाडा में विपक्षी कंजर्वेटिव नेता पियरे पोइलिवर को ट्रूडो से 20% अधिक समर्थन मिल रहा है।

पोइलिवर सितंबर से अब तक कई बार संसद भंग कर चुनाव कराने की कोशिश कर चुके हैं। ट्रूडो के सामने अब दोहरी चुनौती है – एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी और दूसरी तरफ पार्टी के अंदर विद्रोह। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर ट्रूडो जल्द ही कोई बड़ा कदम नहीं उठाते, तो उनकी सरकार गिरने का खतरा और बढ़ सकता है।

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