कांग्रेस ने मंगलवार को संविधान पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह की आंबेडकर के बारे में टिप्पणी के लिए उनसे माफी की मांग की।
विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि यह टिप्पणी दर्शाती है कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेताओं में बीआर आंबेडकर के प्रति काफी नफरत है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग मनुस्मृति में विश्वास करते हैं, वे निश्चित रूप से आंबेडकर से असहमत होंगे।
कांग्रेस महासचिव व संचार प्रभारी जयराम रमेश ने उच्च सदन में शाह के भाषण का एक वीडियो अंश साझा किया। शाह ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर…। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’
जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘अमित शाह ने बहुत ही घृणित बात कही है। इससे पता चलता है कि भाजपा और आरएसएस के नेताओं में बाबा साहब आंबेडकर के लिए बहुत नफरत है।’
कांग्रेस नेता ने कहा कि नफरत इतनी है कि उन्हें उनके नाम से भी चिढ़ होती है। ये वही लोग हैं जिनके पूर्वज बाबा साहब के पुतले जलाते थे, जो खुद बाबा साहब की ओर से दिए गए संविधान को बदलने की बात करते थे।
रमेश ने कहा कि जनता ने भाजपा को सबक सिखा दिया, इसलिए अब वे बाबा साहब का नाम लेने वालों से नाराज हैं। रमेश ने कहा, ‘शर्मनाक। अमित शाह को इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।’
‘बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर भगवान के समान’
कांग्रेस महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने भी शाह की टिप्पणी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘गृह मंत्री अमित शाह, अगर आप नहीं जानते तो बता दूं कि बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर भगवान के समान हैं।
उनके द्वारा तैयार किया गया संविधान दुनिया भर के करोड़ों लोगों के लिए पवित्र पुस्तक है।
डॉ. आंबेडकर के बारे में इतनी उपेक्षा से बोलने की आपकी हिम्मत कैसे हुई?’ वेणुगोपाल ने एक्स पर एक पोस्ट में आरोप लगाया, ‘डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के प्रति भाजपा की घृणा हमेशा से जगजाहिर है। आज राज्यसभा में गृह मंत्री के निदंनीय बयानों से यह पुष्टि होती है कि वे डॉ. आंबेडकर से कितनी नफरत करते हैं।’
‘भगवान का नाम लेते तो…’, आंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी से भड़की कांग्रेस, माफी की उठाई मांग…
कांग्रेस ने मंगलवार को संविधान पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह की आंबेडकर के बारे में टिप्पणी के लिए उनसे माफी की मांग की।
विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि यह टिप्पणी दर्शाती है कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेताओं में बीआर आंबेडकर के प्रति काफी नफरत है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग मनुस्मृति में विश्वास करते हैं, वे निश्चित रूप से आंबेडकर से असहमत होंगे।
कांग्रेस महासचिव व संचार प्रभारी जयराम रमेश ने उच्च सदन में शाह के भाषण का एक वीडियो अंश साझा किया। शाह ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर…। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’
जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘अमित शाह ने बहुत ही घृणित बात कही है। इससे पता चलता है कि भाजपा और आरएसएस के नेताओं में बाबा साहब आंबेडकर के लिए बहुत नफरत है।’
कांग्रेस नेता ने कहा कि नफरत इतनी है कि उन्हें उनके नाम से भी चिढ़ होती है। ये वही लोग हैं जिनके पूर्वज बाबा साहब के पुतले जलाते थे, जो खुद बाबा साहब की ओर से दिए गए संविधान को बदलने की बात करते थे।
रमेश ने कहा कि जनता ने भाजपा को सबक सिखा दिया, इसलिए अब वे बाबा साहब का नाम लेने वालों से नाराज हैं। रमेश ने कहा, ‘शर्मनाक। अमित शाह को इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।’
‘बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर भगवान के समान’
कांग्रेस महासचिव और संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने भी शाह की टिप्पणी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘गृह मंत्री अमित शाह, अगर आप नहीं जानते तो बता दूं कि बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर भगवान के समान हैं।
उनके द्वारा तैयार किया गया संविधान दुनिया भर के करोड़ों लोगों के लिए पवित्र पुस्तक है।
डॉ. आंबेडकर के बारे में इतनी उपेक्षा से बोलने की आपकी हिम्मत कैसे हुई?’ वेणुगोपाल ने एक्स पर एक पोस्ट में आरोप लगाया, ‘डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के प्रति भाजपा की घृणा हमेशा से जगजाहिर है। आज राज्यसभा में गृह मंत्री के निदंनीय बयानों से यह पुष्टि होती है कि वे डॉ. आंबेडकर से कितनी नफरत करते हैं।’