प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
प्रत्येक माह दो एकादशी आती है, एक कृष्ण पक्ष की एकादशी और दूसरा शुक्ल पक्ष की एकादशी। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी बुधवार 11 दिसंबर को पड़ रहा है।
मार्गशीर्ष मास भगवान हरि को अति प्रिय है। इस मास में पड़ने वाली मोक्षदा एकादशी तो सीधे तौर पर हरि को पा लेने का मार्ग है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को मोक्षदा एकादशी का व्रत अवश्य करनी चाहिए।
मोक्षदा एकादशी के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान कुरुक्षेत्र में दिया था। इसलिए इस दिन को पवित्र भगवद् गीता के ज्ञान का उत्सव भी माना जाता है।
भगवान ने गीता का ज्ञान देकर अर्जुन को कर्म, धर्म और भक्ति का मार्ग दिखाया था। जो कि हर व्यक्ति के जीवन जीने की कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
गीता के 18 अध्यायों में भगवान ने मानव जीवन की समस्याओं का समाधान बताया है, जिनमें कर्म योग, भक्ति योग, और ज्ञान योग का वर्णन किया है। बताया कि गीता जयंती पर इस्कॉन में विविध कार्यक्रम के आयोजन होने हैं।
वहीं हीरापुर भक्त मंडल की ओर से 101 निशान लेकर भक्त पैदल झरिया श्याम मंदिर जाएंगे।
मोक्षदा एकादशी की तिथि : 11 को प्रात: 03:43 से देर रात 01:09 तक
अश्विनी नक्षत्र : दिन के 11:48 से 12 दिसंबर को दिन के 9:52 तक
अमृत काल: प्रात: 09: 34 से दिन के 11:03 बजे तक
एकादशी का पारण भी महत्वपूर्ण
एकादशी का व्रत जितना उत्तम है, पारण भी उतना ही महत्वपूर्ण है। पंचांग के अनुसार अगले दिन गुरुवार को पूजा पाठ के बाद प्रात: 7.07 बजे से लेकर 9.09 बजे के बीच पारण कर लेना चाहिए।
पंडित रामकिशोर शास्त्री बताते हैं कि मोक्षदा एकादशी का जो लोग व्रत नहीं भी करते हैं, उन्हें इस दिन तामसी भोजन, व्यसन से बचना चाहिए। शास्त्रों में इस दिन चावल को निषेध किया गया है।
प्रियंका प्रसाद (केवल व्हाट्सएप) 94064 20131