रूस की समाचार एजेंसियों की खबरों के अनुसार सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद अपने परिवार के साथ मॉस्को पहुंच गए हैं और उन्हें शरण दी गई है।
इससे कुछ घंटे पहले ही विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क में घुसकर असद परिवार के 50 साल के शासन का अंत कर दिया था।
मॉस्को में मिली शरण
रूसी समाचार एजेंसियों, ‘तास’ और ‘आरआईए’ ने राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ के अज्ञात स्रोत का हवाला देते हुए बताया कि असद और उनके परिवार को मॉस्को में शरण दी गई है।
‘आरआईए’ की खबर में क्रेमलिन के अज्ञात सूत्र का हवाला देते हुए यह भी बताया है कि सीरियाई विद्रोहियों की ओर से रूस को सीरिया में रूसी सैन्य ठिकानों और राजनयिक कार्यालयों की सुरक्षा की गारंटी मिली है। हालांकि खबर में विस्तृत जानकारी नहीं दी गई।
असद कथित तौर पर रविवार तड़के सीरिया से रवाना हुए थे। सीरिया की राजधानी दमिश्क पर विद्रोहियों के कब्जे के साथ ही असद परिवार के 50 वर्ष के शासन का अंत हो गया है।
दमिश्क में चौराहों पर जश्न मनाती हुई भीड़ इकट्ठा हुई और सीरियाई क्रांतिकारी ध्वज लहराया जिससे ‘अरब स्प्रिंग’ विद्रोह के शुरुआती दिनों की याद ताजा हो गई।
असद ने विद्रोहियों से बातचीत कर देश छोड़ा : रूस
असद और अन्य शीर्ष अधिकारियों की कोई खबर न होने के बाद अनेक लोगों ने राष्ट्रपति भवन और असद परिवार के आवास में तोड़फोड़ की।
असद के करीबी सहयोगी रहे रूस ने कहा कि असद ने विद्रोही समूहों के साथ बातचीत के बाद देश छोड़ दिया और उन्होंने शांतिपूर्वक सत्ता हस्तांतरण के निर्देश दिए थे।
गोलानी सबसे बड़े विद्रोही गुट का नेता
वर्षों पहले अलकायदा से नाता तोड़ने वाला अबू मोहम्मद अल-गोलानी सबसे बड़े विद्रोही गुट का नेता है और वह अब देश के भविष्य की दिशा तय करेगा। अलकायदा से अलग होने के बाद वह बहुलवाद और धार्मिक सहिष्णुता को महत्व देने की बात कहता रहा है।
असद का अंत ईरान के लिए एक बड़ा झटका
असद के शासन का अंत ईरान और उसके सहयोगियों के लिए एक बड़ा झटका है, जो पहले से ही इजरायल के खिलाफ एक साल से अधिक समय से जारी संघर्ष के कारण कमजोर हो गए हैं।
पूरे गृहयुद्ध के दौरान असद का पुरजोर समर्थन करते रहे ईरान ने कहा कि सीरियाई लोगों को विनाशकारी विदेशी हस्तक्षेप के बिना अपने देश का भविष्य तय करना चाहिए।
इजरायली सैनिकों ने गोलान हाइट्स के ‘बफर जोन’ पर कब्जा किया
इस बीच, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि अशांति के चलते सीरियाई सैनिकों के अपने मोर्चों से हटने के बाद इजरायली सैनिकों ने 1974 में गोलान हाइट्स में बनाए गए एक ‘बफर जोन’ पर कब्जा कर लिया है।
विद्रोहियों को युद्ध से तबाह और विभिन्न सशस्त्र गुटों में विभाजित देश की व्यवस्था को दुरुस्त करने की कठिन चुनौती का सामना करना होगा।
सीरियाई सरकारी संस्थाओं को संरक्षित रखें
सीरियाई सरकारी टैलीविजन चैनल ने कुछ विद्रोहियों के एक समूह का वीडियो बयान प्रसारित किया, जिसमें वे यह कहते नजर आए कि राष्ट्रपति बशर असद को सत्ता से बाहर कर दिया गया है और जेल में बंद सभी कैदियों को रिहा किया जा चुका है।
वीडियो में बयान पढ़ते दिख रहे व्यक्ति ने कहा कि ‘ऑपरेशंस रूम टू कॉन्कर दमिश्क’ ने सभी विद्रोही लड़ाकों और नागरिकों से ‘स्वतंत्र सीरियाई देश’ की सरकारी संस्थाओं को संरक्षित रखने का आह्वान किया है।