मसूद अजहर के जहर उगलने पर भड़का भारत, पाकिस्तान के चरित्र पर उठाए सवाल…

भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान से अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी और जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की।

यह मांग बहावलपुर में एक सार्वजनिक सभा में मसूद अजहर द्वारा हाल ही में दिए गए कथित भाषण की खबरों के बाद की गई है।

विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, “हम मांग करते हैं कि मसूद अजहर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और उसे न्याय के कटघरे में लाया जाए। अगर ये रिपोर्ट सही हैं तो यह आतंकवाद को नियंत्रित करने में पाकिस्तान की दोहरी नीति को उजागर करती हैं।”

मसूद अजहर को मई 2019 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था। इसके अलावा, सितंबर 2019 में भारत ने भी उसे आतंकवादी घोषित किया। वह भारत में कई बड़े आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है।

2001 का संसद हमला , 2019 का पुलवामा हमला , 2001 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला (38 लोगों की मौत), 2016 का पठानकोट हमला के अलावा बीएसएफ कैंप और अन्य सुरक्षा बलों पर कई हमले में मसूद अजहर का नाम शामिल है।

पाकिस्तान की भूमिका

भारत ने आरोप लगाया है कि मसूद अजहर पाकिस्तान में खुलेआम सक्रिय है।

भारत ने 1994 में उसे गिरफ्तार किया था, लेकिन 1999 के कंधार विमान अपहरण के दौरान बंधकों के बदले उसे रिहा करना पड़ा।

इसके बाद मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया जो अल-कायदा और तालिबान से जुड़ा संगठन है।

विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से कहा है कि वह अपने क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादियों को रोकने की अपनी जिम्मेदारी निभाए। मसूद अजहर को लेकर पाकिस्तान के रवैये ने आतंकवाद के खिलाफ उसके दावों पर सवाल खड़े किए हैं।

आपको बता दें कि यह मामला भारत-पाकिस्तान के संबंधों में एक और गंभीर तनाव का विषय बन गया है।

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