प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
घर बनवाते समय वास्तु नियमों की अनदेखी करना वास्तु दोष का कारण बन सकता है।
वास्तु शास्त्र में घर से जुड़े कुछ वास्तु नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से जीवन में खुशहाली व उन्नति आती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, सीढ़ियां घर की उन्नति में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं।
लेकिन सीढ़ियों का सही दिशा और सही संख्या में और सीढ़ियों के लिए क्या होना चाहिए इसका ध्यान रखना जरूरी होता है। जानें वास्तु एक्सपर्ट मुकुल रस्तोगी से घर की सीढ़ियों से जुड़े वास्तु नियम-
1. वास्तु एक्सपर्ट के अनुसार, ब्रह्म स्थान में सीढ़ियां एक गंभीर वास्तु दोष है। इन्हें हटाना ही इसका सर्वश्रेष्ठ उपाय है। यहां पर सीढ़ियां होने से सारे भवन की ऊर्जा दूषित हो जाती है, जिसके कारण सदस्यों की प्रगति रुक जाती है। पेट और उसके आसपास के अंगों में रोग हो जाते हैं। घर में तनाव और बेचैनी बनी रहती है।
2. सीढ़ियों के द्वारा बनने वाले वास्तु दोष को दूर करने के लिए ब्रह्म स्थान एवं उसके पास पीला रंग करवाना चाहिए और इसके साथ ही यहां पर एक पीले रंग का कमल लगाना चाहिए। नियमित तौर पर यहां कपूर जलाना शुभ होता है।
3. सीढ़ी बनाने के लिए उत्तम दिशाएं हैं-दक्षिण, पश्चिम व दक्षिण पश्चिम। उत्तर, पूर्व तथा उत्तर -पूर्व में कभी सीढ़ी नहीं बनानी चाहिए। यह सीढ़ी बहुत खराब फल देती है। परिवार की उन्नति को रोक देती है। घर के मुखिया पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है।
4. सीढ़ी हमेशा क्लॅाकवाइज होनी चाहिए। सीढ़ी में स्टेप्स की संख्या हमेशा विषम (15, 17, 19 या 21) होनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, सीढ़ियों के नीचे कुछ नहीं बनाना चाहिए।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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