प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
हिंदू कैलेंडर में हर महीने दो चतुर्थी आती हैं।
चतुर्थी तिथि भगवान श्रीगणेश को समर्पित है। अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है।
इस समय मार्गशीर्ष माह चल रहा है। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाएगा। मार्गशीर्ष महीने की विनायक चतुर्थी 5 दिसंबर 2024, गुरुवार को है।
विनायक चतुर्थी पर कई शुभ संयोग बनने के साथ ही भद्रा का साया भी रहने वाला है। जानें विनायक चतुर्थी पर बनने वाले शुभ संयोग, भद्रा व चंद्रोदय का समय-
मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी शुभ संयोग– मार्गशीर्ष माह की विनायक चतुर्थी पर वृद्धि व ध्रुव योग का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में ध्रुव व वृद्धि योग को शुभ योगों में गिना जाता है। मान्यता है कि इन योग में किए गए कार्य लाभकारी होते हैं। वृद्धि योग दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। इसके बाद ध्रुव योग प्रारंभ होगा।
मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी पूजन मुहूर्त-हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त 05 दिसंबर 2024 के दिन सुबह 11 बजकर 09 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। भगवान गणेश के पूजन का शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 01 घंटा 40 मिनट की है।
मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी भद्रा का समय- मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी के दिन भद्रा सुबह 06 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगी। राहुकाल का समय दोपहर 01 बजकर 29 मिनट से दोपहर 02 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में राहुकाल व भद्रा के दौरान शुभ कार्य वर्जित हैं।
मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी चंद्रोदय का समय- मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रोदय का समय सुबह 10 बजकर 35 मिनट है। चंद्रास्त का समय रात 09 बजकर 06 मिनट है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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