बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों की गूंज कनाडा तक, उनकी सुरक्षा के लिए सड़कों पर उतरे लोग…

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हिंदू पुजारियों की गिरफ्तारी के विरोध की आंच अब कई देशों तक पहुंच चुकी है।

इस्कॉन की तरफ से कहा गया था कि रविवार को पूरी दुनिया के 1000 मंदिरों में बांग्लादेश में शांति के लिए प्रार्थना की गई।

अब कनाडा में भी हिंदुओं के अधिकारों के लिए लोग सड़कों पर उतर चुके हैं। कनाडा में रहने वाला बांग्लादेशी हिंदुओं ने सरकार से अपील की है कि अल्पसंख्यकों का सम्मान किया जाए और उनके अधिकारों की रक्षा की जाए।

बता दें कि बांग्लादेशी प्रशासन ने इस्कॉन से जुड़े चिन्मय दास प्रभु को गिरफ्तार किया था।

उनपर राजद्रोह का आरोप लगाया गया। इसके बात तीन अन्य हिंदू पुजारियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। रिपोर्ट्स में कहा गया कि उनके लिए दवा तक पहुंचाने पर रोक लगा दी गई।

बांग्लादेश ने इस्कॉन के 50 से ज्यादा ब्रह्मचारियों को भारत में प्रवेश करने से रोक दिया। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर देर शाम एक पोस्ट में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण चेतना सोसायटी के 63 ब्रह्मचारियों को वैध भारतीय वीजा और अन्य दस्तावेजों के बावजूद भारत में प्रवेश करने से रोका गया।

उन्होंने कहा कि बंगलादेशी सीमा पुलिस ने कहा कि उन्हें बंगलादेशी खुफिया विभाग द्वारा 63 व्यक्तियों को भारत में प्रवेश न करने देने का निर्देश दिया गया था।

बेनापोल इमिग्रेशन चेक पोस्ट के प्रभारी इम्तियाज मोहम्मद अहसानुल कादर ने बिजनेस स्टैंडर्ड बांग्लादेश को बताया, ”इन्हें जाने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि उनकी भारत यात्रा संदिग्ध लग रही थी।” रोके गए व्यक्तियों में से एक ने कहा कि उनमें से कई इस्कॉन के अनुयायी हैं।

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