रूसी राष्ट्रपति पुतिन मनुष्यों में लिंग निर्धारण के कट्टर और पारंपरिक विचारों के लिए जाने जाते हैं।
शनिवार को पुतिन ने एक कानून पास करके ऐसे विदेशी लोगों को रूसी बच्चा गोद लेने पर रोक लगा दी, जिनके देश में लिंग परिवर्तन कानूनी है।
दुनियाभर में करीब 15 ऐसे देश हैं जो इस कानून से प्रभावित होंगे। इनमें ज्यादातर यूरोपीय देशों के अलावा ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना और कनाडा शामिल हैं। रूस अमेरिकी नागरिकों पर पहले ही रूसी बच्चा गोद लेने पर बैन लगा चुका है।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन हमेशा ही अपने देशवासियों को ज्यादा बच्चे पैदा करने की सलाह देते हैं। पुतिन ने एक और बिल पास करके ऐसे सभी प्रचार सामग्रियों को अपराध घोषित कर दिया जो बर्थ कंट्रोल की बात करते हैं।
कानून के अनुसार, अब कम बच्चा पैदा करने को प्रोत्साहित करने वाले किसी भी तरह के प्रचार पर करीब 50 हजार डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है।
इस कानून का समर्थन करने वाले रूसी नागिरकों का तर्क है कि इस तरह के प्रचार करके पश्चिमी देश रूस की जनसंख्या को कमजोर करना चाहते हैं। सरकार का यह कदम रूस को मजबूत करेगा।
पुतिन द्वारा लागू किए इन कानूनों को रूस में LGBTQ समुदाय को दबाने की कोशिश माना जा रहा है। रूसी निचले सदन के अध्यक्ष व्याचेस्लाव वोलोडिन ने कुछ समय पहले ही इस मुद्दे पर अपने विचार रखे थे।
अपने एक लेख में उन्होंने कहा कि लिंग परिवर्तन को मान्यता देने वाले देशों के नागरिकों को बच्चे गोद देने से पहले विचार करने की जरूरत है।
क्योंकि इन देशों में बच्चों के लिंग बदलने की संभावना होती है। हमें इस संभावना को पूरी तरह से खत्म करना होगा।
हाल के वर्षों में पुतिन ने पश्चिमी देशों में चल रहे लिंग परिवर्तन के प्रति अपना विरोध जाहिर किया है। वह लगातार रूसी जनता से पारंपरिक मूल्यों का पालन करने का अह्वान करते रहते हैं।
लगातार घटती रूसी जनसंख्या को रोकने के लिए पुतिन कई बार बड़े परिवारों की वकालत करते नजर आते हैं। अपने एक बयान में उन्होंने महिलाओं से आठ बच्चे पैदा करने का आग्रह किया था।