क्या एग्जिट पोल सच साबित होंगे या होगा उलटफेर? महाराष्ट्र और झारखंड में आज आएंगे चुनाव नतीजे…

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए मतों की गिनती शनिवार यानी आज सुबह आठ बजे से शुरू होगी।

महाराष्ट्र में सभी की निगाहें सत्तारूढ़ भाजपा नीत महायुति और सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटे महा विकास आघाडी (एमवीए) के बीच मुकाबले के नतीजे पर टिकी हैं।

चुनावी सर्वेक्षण करने वाली ज्यादातर एजेंसियों ने महाराष्ट्र में ‘महायुति’ को प्रचंड बहुमत मिलने की संभावना जताई है। वहीं झारखंड में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।

ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या दोनों राज्यों के लिए एग्जिट पोल सच साबित होते हैं या नतीजे कुछ और आते हैं।

चुनाव अधिकारियों ने बताया कि 20 नवंबर को हुए मतदान में अंतिम मतदान 66.05 प्रतिशत रहा जबकि 2019 में यह आंकड़ा 61.1 प्रतिशत था। आज मतों की गिनती के लिए कुल 288 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव के लिए भी एक केंद्र शामिल है।

एक अधिकारी ने बताया कि कुल 288 मतगणना पर्यवेक्षक प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की निगरानी करेंगे, जबकि नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव में मतगणना की निगरानी के लिए दो पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया गया है।

अधिकारी ने बताया कि डाक मतपत्रों की अधिक संख्या के कारण सभी विधानसभा क्षेत्रों में सुचारू मतगणना प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए डाक मतपत्रों की गिनती के वास्ते 1,732 टेबल और इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट सिस्टम (ईटीपीबीएस) के लिए 592 टेबल स्थापित किए गए हैं।

महायुति गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी ने 149 विधानसभा सीटों पर, शिवसेना ने 81 सीटों पर और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 59 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारे थे।

विपक्ष के एमवीए गठबंधन में, कांग्रेस ने 101 उम्मीदवार, शिवसेना (उबाठा) ने 95 और राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने 86 उम्मीदवार खड़े किए।

बहुजन समाज पार्टी एवं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) जैसी पार्टियों ने भी चुनाव लड़ा, जिसमें बसपा ने 237 उम्मीदवार और एआईएमआईएम ने 17 उम्मीदवार खड़े किए। वर्तमान राज्य विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है।

झारखंड: मतगणना के बाद के समीकरण साधने की तैयारी

झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद आज होने वाली मतगणना के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और राजनीतिक नेताओं और पार्टियों को उत्सुकता से परिणामों का इंतजार है। आज आने वाले नतीजे यह तय करेंगे कि झारखंड में अगली सरकार भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) बनाएगा या झामुमो के नेतृत्व वाला गठबंधन एक बार फिर सत्ता पर काबिज होगा। डाक मतपत्रों की गिनती सुबह आठ बजे शुरू होगी तथा रुझान सुबह नौ बजे तक आने शुरू हो जाएंगे।

इस बार मतदान रिकॉर्ड 67.74 प्रतिशत तक पहुंच गया, जो 15 नवंबर 2000 को राज्य के गठन के बाद से सबसे अधिक है। प्रदेश में चुनाव दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को हुए। कुल 81 सीटों में से 43 निर्वाचन क्षेत्रों में पहले चरण में मतदान हुआ, जबकि दूसरे चरण में 38 सीटों पर मतदान हुआ।

राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा नीत ‘इंडिया’ और भाजपा नीत राजग के बीच कड़ा चुनावी मुकाबला देखने को मिला, जिसमें झामुमो फिर सत्ता पर काबिज होने की कोशिश कर रहा है, जबकि भाजपा सत्ताधारी गठबंधन से सत्ता छीनने के लिए प्रयासरत है। कुछ एग्जिट पोल का अनुमान है कि भाजपा के नेतृत्व वाला राजग सत्तारूढ़ झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन को सत्ता से बाहर कर देगा, जबकि अन्य का अनुमान है कि झारखंड में ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की वापसी होगी।

सभी की निगाहें उन प्रमुख सीटों पर होंगी जो प्रमुख राजनेताओं के चुनावी भाग्य का फैसला करेंगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बरहेट से, उनकी पत्नी कल्पना ने गांडेय से, जबकि विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी (भाजपा) ने चंदनकियारी से चुनाव लड़ा है। कुल 1,211 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें धनवार में भाजपा के बाबूलाल मरांडी और नाला में झामुमो के रवींद्र नाथ महतो शामिल थे।

अन्य प्रमुख नेताओं में महागामा से कांग्रेस की दीपिका पांडे सिंह, जामताड़ा से सीता सोरेन (मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी), सिल्ली से ‘ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन’ (आजसू) प्रमुख सुदेश महतो और सरायकेला से पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन शामिल थे।

राज्य में 2019 के चुनावों में, एसटी आरक्षित सीटों में से झामुमो ने 19, कांग्रेस ने छह, भाजपा ने दो और जेवीएम (पी) ने एक सीट जीती थी। एससी सीटों में से झामुमो 2, भाजपा 6 और राजद 1 सीट हासिल करने में कामयाब रही थी।

2019 के विधानसभा चुनावों में मुकाबला कांटे का रहा था, जिसमें झामुमो ने 30 सीटें जीतीं और भाजपा को 25 सीटें मिलीं, जबकि 2014 में उसे 37 सीटों पर जीत मिली थी। झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन 47 सीटों के साथ आसानी से बहुमत हासिल करने में सफल हुआ था।

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