इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों में गिरफ्तारी का वॉरंट जारी कर दिया है।
पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनल कोर्ट ने इजरायल के किसी सीनियर अधिकारी के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की है। वहीं इस फैसले के कुछ घंटे बाद ही बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आईसीसी का यह फैसला यहूदी विरोधी है।
एक वीडियो संदेश जारी करते हुए बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, हेग के इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का यह यहूदी विरोधी फैसला आधुनिक ड्रेफस ट्रायल की तरह है।
इसका अंत भी उसी तरह का होगा। बता दें कि ड्रेफस ट्रायल 1894 के एक फ्रेंच मिलिटरी के यहूदी सैन्य अधिकारी के खिलाफ चलाया गया मुकदमा था। बताया जाता है कि राजनीतिक भ्रष्टाचार की वजह से उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
सैन्य अधिकारी पर आरोप था कि फ्रेंच मिलिटरी के गुप्त दस्तावेजों को उनके द्वारा लीक किया गया। बाद में वह निर्दोष पाए गए और फ्रांस की सेना में फिर अधिकारी हो गए।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी अभियोजक की निंदा की और हमास के खिलाफ खुद का बचाव करने के इजराइल के अधिकार का समर्थन किया।
तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वसम्मति से नेतन्याहू और इजराइल के पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ वारंट जारी करने का निर्णय लिखा।
फैसले में कहा गया है, ‘अदालत के अनुसार मानने के लिए उचित आधार हैं कि दोनों व्यक्तियों ने जानबूझकर गाजा में आम लोगों को उनके अस्तित्व के लिए आवश्यक वस्तुओं से वंचित किया, जिसमें भोजन, पानी, और दवा और चिकित्सा आपूर्ति, साथ ही ईंधन और बिजली शामिल हैं।’
अदालत ने हमास के नेताओं में से एक मोहम्मद दीफ की गिरफ्तारी का वारंट भी जारी किया। आईसीसी के मुख्य अभियोजक ने हमास के दो अन्य वरिष्ठ नेताओं, याह्या सिनवार और इस्माइल हानिया के लिए भी वारंट जारी करने का अनुरोध किया था, लेकिन वे दोनों संघर्ष में मारे गए।
वारंट के बावजूद, किसी भी संदिग्ध को निकट भविष्य में हेग में न्यायाधीशों के सामने पेश होने की संभावना नहीं है। न्यायालय के पास वारंट पर अमल कराने के लिए कोई पुलिस नहीं है, बल्कि वह अपने सदस्य देशों के सहयोग पर निर्भर है।
गिरफ्तारी के खतरे के कारण नेतन्याहू और गैलेंट के लिए विदेश यात्रा करना कठिन हो सकता है।
हालांकि, यूक्रेन में कथित युद्ध अपराधों के लिए आईसीसी वारंट में वांछित रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल में मंगोलिया की यात्रा की, जो न्यायालय के सदस्य देशों में से एक है, हालांकि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया।