व्हाइट हाउस ने कहा कि उसे अडानी समूह के अध्यक्ष और भारतीय अरबपति गौतम अडानी के खिलाफ अमेरिका में लगाए गए आरोपों का पता है।
अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि गौतम अडानी और इसक केस में 7 अन्य आरोपियों ने आंध्र प्रदेश के एक बड़े अधिकारी को 1750 करोड़ की रिश्वत दी थी।
आरोपियों में गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी भी शामिल हैं। आरोप है कि अडानी ग्रुप ने यह रिश्वत भारत के सबसे बड़े सोलर परियोजना का ठेका हासिल करने के लिए दी थी।
अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए सिरे से नकार दिया है। वहीं, भारत सरकार के अधिकारियों ने अब तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
गुरुवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में वाइट हाउस की प्रेस सचिव करिन जीन-पियरे ने पत्रकारों से कहा कि प्रशासन को अडानी के खिलाफ आरोपों की जानकारी है।
उन्होंने कहा, “हम इन आरोपों से अवगत हैं और इसके बारे में विशिष्ट जानकारी के लिए मैं आपको एसईसी (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन) और डीओजे (डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस) के पास जाने के लिए कहूंगी।”
जीन-पियरे ने भारत और अमेरिका के रिश्तों को मजबूत बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत नींव पर आधारित हैं। उन्होंने कहा, “हम विश्वास करते हैं कि हम इस मुद्दे को भी उसी तरह से नेविगेट करेंगे जैसे हम अन्य मुद्दों को करते हैं।”
अडानी समूह का जवाब
गुरुवार को अडानी समूह ने अमेरिकी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा, “अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी सिक्योरिटीज और एक्सचेंज कमीशन द्वारा अडानी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और हम इन्हें नकारते हैं।”
वहीं, कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने अडानी की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कहा, “हम मांग करते हैं कि अडानी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। लेकिन हम जानते हैं कि ऐसा नहीं होगा क्योंकि मोदी उन्हें बचा रहे हैं।”
भाजपा ने राहुल गांधी के प्रधानमंत्री मोदी पर हमले की आलोचना की और कहा कि अमेरिकी अदालतों में जिन चार राज्यों का जिस समय जिक्र किया गया है वहां भाजपा की सरकार नहीं थी। भाजपा के प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने कहा, “कानून अपना रास्ता तय करेगा।”