महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदान का दौर पूरा हो चुका और अब नतीजों का इंतजार है।
इससे पहले ही राज्य के मतदाताओं ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। खबर है कि पश्चिमी राज्य में 1995 के बाद दूसरी बार सबसे ज्यादा मतदान हुआ है।
बुधवार को वोटिंग का आंकड़ा 65 प्रतिशत को पार कर गया था। अब इसे लेकर दो बड़े गठबंधन महायुति और महाविकास अघाड़ी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में वोटिंग
राज्य में रात 11 बजकर 45 मिनट तक मतदान का आंकड़ा 65.1 फीसदी को पार कर गया था। इससे पहले साल 1995 में राज्य में 71.69 प्रतिशथ वोटिंग हुई थी। खास बात है कि वोटिंग में 2024 लोकसभा चुनाव का रिकॉर्ड भी टूटा है। उस दौरान राज्य में 61.39 प्रतिशत मतदान हुआ था। 2019 विधानसभा चुनाव में भी 61.4 प्रतिशत मतदान हुआ था।
क्या है वजह
राज्य में भारी मतदान की वजह एमवीए और महायुति के तेज प्रचार को माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक ओर जहां महायुति ने 42.1 फीसदी और महाविकास अघाड़ी ने 43.91 फीसदी वोट हासिल किए थे। सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति में भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी हैं। जबकि, एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी एसपी है।
क्या बोले नेता
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है, ‘जब भी मतदान में इजाफा होता है, तो भाजपा को राजनीतिक लाभ होता है। यह साबित हो चुका है कि पिछले चुनाव के मुकाबले विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ा है। यह भाजपा और महायुति दोनों की मदद करेगा।’
वहीं, कांग्रेस चीफ नाना पटोले ने एमवीए की जीत का दावा किया है। उन्होंने कहा, ‘विधानसभा चुनावों में लोगों में खासा उत्साह था और महाराष्ट्र के स्वाभिमानी नागरिक उस सरकार को चुनेंगे, जो राज्य के कल्याण को प्राथमिकता देता है। जनता की प्रतिक्रिया के मद्देनजर कांग्रेस राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी। महाविकास अघाड़ी का सरकार बनाना तय है।’
खास बात है कि राज्य में मतदाताओं की संख्या में भी खासा इजाफा हुआ है। 2019 में राज्य में वोटर 8.85 करोड़ थे, जो अब बढ़कर 9.69 करोड़ हो गए हैं। ऐसे में मतदाताओं की संख्या भी चुनाव के नतीजों में बड़ी भूमिका निभाती है।