कारोबारी गौतम अडामी समेत कई लोग अमेरिका में अरबों डॉलर की घूस और फ्रॉड स्कीम चलाने के चलाने के आरोप का सामना कर रहे हैं।
इनमें कारोबारी के भतीजे सागर अडानी का नाम भी शामिल है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि कॉन्ट्रेक्ट्स हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को अरबों डॉलर की रिश्वत दी गई थी।
फिलहाल, इसे लेकर कारोबारी समूह की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
यह मामला भारत सरकार को 11 गीगावाट सौर ऊर्जा बेचने के लिए अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य कंपनी के बीच समझौते से जुड़ा हुआ है। इसे लेकर अमेरिकी कोर्ट में अभियोग लाया गया है।
इसमें गौतम अडानी, सागर अडानी और विनीत जैन पर सिक्युरिटीज और वायर फ्रॉड की साजिश के आरोप लगाए गए हैं। इस अभियोग में ऊर्जा कंपनी के पूर्व अधिकारी रंजीत गुप्ता और रूपेश अग्रवाल का नाम भी शामिल है।
क्या है मामला
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समेत 7 और लोगों ने सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए 250 मिलियन डॉलर से ज्यादा की रिश्वत देने का वादा किया था।
बुधवार को डिप्टी असिस्टेंट एटॉर्नी जनरल लीसा मिलर ने कहा ये रिश्वत ‘अरबों डॉलर हासिल करने के लिए निवेशकों और बैंकों से झूठ बोलने और न्याय को बधित करने के लिए दी गई थी।’
रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों का कहना है कि अडानी ने इस स्कीम को आगे बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत रूप से भारत सरकार के अधिकारी से मुलाकात की थी। दावा किया जा रहा है कि मीटिंग साल 2020 से 2024 के बीच हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रतिवादी कई बार मिले और घूसखोरी की योजना पर चर्चा की थी, जिसमें कई फोन पर सबूत शामिल हैं।
अमेरिका के न्याय विभाग का कहना है कि अडानी और उनके सहयोगियों ने रिश्वत की इस योजना को अमेरिकी निवेशकों से छिपाने की कोशिश की। विभाग ने कहा, ‘ताकि फाइनेंस हासिल कर सकें। इसमें घूसखोरी के जरिए हासिल सोलर एनर्जी सप्लाई कॉन्ट्रेक्ट्स को वित्तपोषण करना भी शामिल है।’
क्या आरोप
अमेरिकी अभियोजकों कहना है कि गौतम अडानी, भतीजे सागर अडानी समेत 7 लोगों ने भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश की है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व CEO विनीत जैन ने निवेशकों और कर्जदाताओं से भ्रष्टाचार छिपाकर 3 बिलियन डॉलर से ज्यादा की रकम जुटाई है।
एटॉर्नी जनरल ब्रियेन पीस का कहना है, ‘जैसे की आरोप लगाए गए हैं, प्रतिवादियों ने अरबों डॉलर के कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देने की एक योजना चलाई। गौतम एस अडानी, सागर आर अडानी और विनीज जैन ने रिश्वत की योजना के बारे में झूठ बोला, क्योंकि वे अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से पूंजी जुटाना चाहते थे।’