प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
ज्योतिषशास्त्र में शनिदेव को विशेष स्थान प्राप्त है। शनि को पापी और क्रूर ग्रह कहा जाता है।
शनि के राशि परिवर्तन को ज्योतिष में बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
शनि के राशि परिवर्तन से किसी राशि पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाती है तो किसी राशि से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव खत्म हो जाता है।
शनि ढाई साल में एक बार राशि परिवर्तन करते हैं। इस समय कुंभ, मकर व मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती और कर्क, वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है।
शनिदेव जब 2025 में राशि परिवर्तन करेंगे तो मकर राशि से शनि की साढ़ेसाती हट जाएगी और वृश्चिक, कर्क राशि के जातकों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार हर व्यक्ति पर जीवन में एक न एक बार शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या जरूर लगती है। 29 मार्च 2025 को शनि कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश करेंगे।
शनि के राशि परिवर्तन का सीधा-सीधा प्रभाव पांच राशियों पर पड़ता है।
शनि के राशि परिवर्तन से किसी राशि पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो जाती हैतो किसी राशि से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव खत्म हो जाता है।
आइए जानते हैं किस राशि पर कब शुरू होगी शनि की साढ़ेसाती-
मेष राशि- 29 मार्च 2025 से 31 मई 2032 तक
वृषभ राशि- 03 जून 2027 से 13 जुलाई 2034 तक
मिथुन राशि- 08 अगस्त 2029 से 27 अगस्त 2036 तक
कर्क राशि – 31 मई 2032 से 22 अक्तूबर 2038 तक
सिंह राशि- 13 जुलाई 2034 से 29 जनवरी 2041 तक
कन्या राशि- 27 अगस्त 2036 से 12 दिसंबर 2043 तक
तुला राशि- 22 अक्तूबर 2038 से 08 दिसंबर 2046 तक
वृश्चिक राशि- 28 जनवरी 2041 से 3 दिसंबर 2049 तक
धनु राशि- 12 दिसंबर 2043 से 3 दिसंबर 2049 तक
डिस्क्लेमर- (इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते हैं कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)