अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश करने के आरोपी विकास यादव ने दिल्ली की कोर्ट में एक आवेदन फाइल कर कहा है कि उन्हें सुनवाई में हाजिर होने से छूट दे दी जाए।
उनका कहना है कि उनकी सारी डीटेल बाहर आ गई है इसलिए जान पर खतरा बना हुआ है। कोर्ट ने फिलहाल उन्हें छूट देते हुए 3 फरवरी को हाजिर होने का आदेश दिया है।
18 दिसंबर 23 को विकास यादव को उगाही और किडनैपिंग के मामले में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
उससे पहले ही अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने विकास यादव का नाम पन्नू की हत्या में शामिल साजिश करने वाले के तौर पर लिया था।
विकास यादव को अप्रैल 2014 में जेल से जमानत पर रिहा किया गया। इसके बाद 18 अक्टूबर को एफबीआई ने उन्हें वॉन्टेड घोषित कर दिया।
आरोप लगाया गया था कि भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय ने विकास यादव को नियुक्त किया था जो कि प्रधानमंत्री कार्यालय का ही हिस्सा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि अब विकास यादव भारत सरकार के कर्मचारी नहीं हैं। आरके हांडू की तरफ से कोर्ट में पेश किए गए दो पेज के आवेदन में विकास यादव ने कहा कि उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने झूठा मुकदमा दर्ज किया है।
उन्होंने कहा कि उनके फोटोग्राफ, घर का अड्रेस और अन्य तस्वीरें भी अब सार्वजनिक हो गई हैं। ऐसे में उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर खतरा है।
उनकी जान पर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि जान के खतरे के बीच वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी सुनवाई में हाजिर नहीं हो सकते क्योंकि उनकी लोकेशन को ट्रैक किया जा सकता है।
शनिवार को यादव का एप्लिकेशन कोर्ट के सामने लिस्ट किया गया था। कोर्ट ने इस बार सुनवाई में हाजिर होने से छूट देते हुए कहा कि अगली सुनवाई में हाजिर होना होगा।
मामले की अगली सुनवाई 3 फरवरी को होनी है। बता दें कि रोहिणी के रहने वाले एक व्यापारी ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि विकास यादव का लॉरेंस बिश्नोई गैंग से कनेक्शन है और वह उगाही और किडनैपिंग में शामिल हैं।
इसके बाद यादव और उनके सहयोगी अब्दुल्लाह खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली कोर्ट में 13 मार्च को उनके खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई।
22 मार्च को यादव को अंतरिम जमानत मिली और इसके बाद 22 अप्रैल को पूर्ण जमानत मिल गई।