दिवाली रिसेप्शन पार्टी में मांसाहारी खाना और शराब परोसकर आलोचना का सामना कर रहे ब्रिटिश प्रधानमंत्री कार्यालय ने माफी मांगी है।
कार्यालय की तरफ से शुक्रवार को कहा गया कि हम हिंदु समुदाय की चिंता को समझते हैं और आश्वासन देते हैं कि भविष्य में होने वाले किसी भी समारोह में ऐसा नहीं होगा।
10 डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने कहा कि हम इस मुद्दे पर भावनाओं की ताकत को समझते हैं और समुदाय को आश्वस्त करते हैं कि ऐसा दोबारा नहीं होगा।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश पीएम कार्यालय के आधिकारिक बयान में मेनू को संबोधित नहीं किया गया। लेकिन समुदाय की भावनाओं को सम्मान देते हुए दोबारा ऐसी गलती न करने की बात दोहराई गई।
10 डाउनिंग स्ट्रीट की तरफ से यह बयान ब्रिटिश भारतीय कंजर्रेवेटिव सांसद शिवानी राजा द्वारा पीएम को पत्र लिखने के बाद सामने आया है।
शिवानी ने इस पत्र में पीएम के सामने औपचारिक रूप से रिसेप्शन में मांसाहार और शराब परोसे जाने पर अपनी चिंता व्यक्त की थी।
पत्र में उन्होंने लिखा कि पीएम हाउस में किया गया यह कार्यक्रम हिंदुओं द्वारा मनाए जाने वाले त्योहारों के रीति-रिवाजों के अनुरूप नहीं है।
उन्होंने हिंदू परंपराओं के संबंध में “ज्ञान की कमी” का हवाला देते हुए कार्यक्रम के आयोजन की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि अपने निर्वाचन क्षेत्र के हजारों हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करते हुए मुझे यह जानकर गहरा दुख हुआ है कि देश के सबसे बड़े कार्यालय में उत्सवों के दौरान रीति-रिवाजों का भी ख्याल नहीं रखा गया।
इससे पहले, खाने को लेकर हुए विवादों के बाद भी दिवाली पार्टी के दिन ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर को अपने आवास पर मोमबत्तियां और दिये जलाते हुए देखा गया।
स्टार्मर से पहले ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री के रूप में ऋषि सुनक यहां पर दिवाली के दिन परंपराओं के साथ पूजा करते और रंगोली बनाते दिखाई देते थे।
इस कार्यक्रम के बाद अपने संबोधन में स्टार्मर ने एकता, प्रचुरता और स्वागत के उत्सव के रूप में दिवाली की भावना के महत्व के बारे में अपने विचार रखें। इसके साथ ही उन्होंने हिंदू, सिख और जैन समुदायों के योगदान के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए साझा मूल्यों पर जोर दिया।
ब्रिटेन में दशकों बाद सत्ता में आई लेबर पार्टी ने पीएम कीर स्टार्मर के नेतृत्व में 29 अक्टूबर को दिवाली पार्टी का आयोजन किया था। इस पार्टी में शराब और मांसाहार परोसा गया, जिसकी पूरे ब्रिटेन समेत दुनियाभर में आलोचना हुई थी।