महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार तेज हो गया है।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार अपने विधानसभा क्षेत्र बारामती में लगातार जनसंपर्क साध रहे हैं।
मगर, चर्चाएं ऐसी भी हो रही हैं कि महागठबंधन की सहयोगी बीजेपी के कार्यकर्ता प्रचार में नजर नहीं आ रहे। इसे लेकर कई तरह की बातें होने लगी हैं।
बारामती में भाजपा कार्यकर्ताओं ने तटस्थ रुख अपनाया हुआ है। माना जा रहा है कि अप्रत्यक्ष तौर पर अजित पवार के प्रति नाराजगी दिखाई जा रही है।
कार्यकर्ताओं की शिकायत है कि स्थानीय निकाय चुनाव में अपने समर्थकों को जिताने के लिए ‘दादा’ हमें हराएंगे, फिर हम उन्हें समर्थन क्यों दें।
बारामती सीट पर इस समय चाचा बनाम भतीजे के बीच चुनावी लड़ाई है। अजित पवार का मुकाबला भतीजे और शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के उम्मीदवार युगेंद्र पवार से है।
उपमुख्यमंत्री अजित 1991 से इस सीट से विधायक हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान भी बारामती सीट पर हाई वोल्टेज मुकाबला देखने को मिला था।
इस समय ‘दादा’ के लिए पत्नी सांसद सुनेत्रा पवार, चिरंजीव पार्थ और जय पवार प्रचार कर रहे हैं। हालांकि, राजनीतिक पंडितों के बीच चर्चा है कि युगेंद्र पवार अजित पवार को कितनी टक्कर दे पाएंगे। दोनों के बीच वोटों का अंतर कितना होगा।
भाजपा कार्यकर्ताओं की किस बात से नाराजगी
भाजपा कार्यकर्ताओं की अजित पवार से नाराजगी की कुछ प्रमुख वजहें बताई जा रही हैं। इनका आरोप है कि बीजेपी वर्कर्स को 1 करोड़ के काम देने का लालच दिया गया। मगर, ऐसा नहीं हुआ।
लोकसभा के दौरान भी वे इस बात को लेकर परेशान थे। नाराज कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनकी शिकायतों, समस्याओं और मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया।
पार्टी आलाकमान की ओर से समय ही नहीं निकाला गया। एक पदाधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि ऐसी स्थिति में बड़े नेताओं के आदेशों का पालन कैसे होगा।
हम बारामती में भाजपा का प्रभुत्व बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए स्थानीय स्तर पर अजित पवार की एनसीपी से भी समर्थन मिलना चाहिए।
1 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीतने का दावा
इसके बावजूद, अजित पवार का दावा है कि 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन 175 सीटें जीतेगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि वह बारामती सीट से 1 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीतेंगे।
कुछ सर्वेक्षणों में सत्तारूढ़ गठबंधन को बढ़त दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य सामूहिक रूप से 175 सीटें जीतना है।
सभी महायुति दल इस लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।’ राज्य विधानसभा में 288 सदस्य हैं।
महायुति में भाजपा, अजित पवार की राकांपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना शामिल हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।