क्या कनाडा में गिरफ्तार खालिस्तानी अर्श डल्ला को भारत लाया जाएगा? सुरक्षा एजेंसियों ने कसा कमर…

घोषित अपराधी अर्श सिंह गिल उर्फ अर्श डल्ला को कनाडा में गिरफ्तार कर लिया गया है।

अर्श डल्ला खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख माना जाता है। इस मामले में कनाडा के प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी व्यापक कवरेज हो रही है।

भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) के आधिकारिक प्रवक्ता ने इस गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए ओंटारियो कोर्ट ने तारीख तय की है।

MEA के अनुसार, भारत की विभिन्न एजेंसियां अब अर्श डल्ला के प्रत्यर्पण के लिए आवश्यक कदम उठाएंगी।

अर्श डल्ला के भारत में आपराधिक रिकॉर्ड और कनाडा में उसकी गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्तता को देखते हुए यह उम्मीद जताई जा रही है कि उसे न्याय के लिए भारत लाया जाएगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अर्श डल्ला की गिरफ्तारी की खबर पर मीडिया के सवालों के जवाब में कहा, “हमने खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख, घोषित अपराधी अर्श सिंह गिल उर्फ ​​अर्श डल्ला की कनाडा में गिरफ्तारी पर 10 नवंबर से प्रसारित मीडिया रिपोर्टें देखी हैं।

कनाडाई प्रिंट और विज़ुअल मीडिया ने गिरफ्तारी पर व्यापक रूप से रिपोर्ट दी है। हम समझते हैं कि ओंटारियो कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है।”

बता दें कि अर्श डल्ला के खिलाफ भारत में हत्या, हत्या का प्रयास, फिरौती और आतंकी गतिविधियों सहित 50 से अधिक मामलों में केस दर्ज हैं।

मई 2022 में अर्श डल्ला के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था और 2023 में भारत सरकार ने उसे एक व्यक्तिगत आतंकवादी के रूप में नामित किया था।

इसके अलावा, जुलाई 2023 में भारत ने कनाडा सरकार से उसकी अस्थायी गिरफ्तारी का अनुरोध किया था, जिसे उस समय खारिज कर दिया गया था।

अब MEA ने बताया कि इस मामले में अतिरिक्त जानकारी भी साझा की गई है। इस ताजा गिरफ्तारी के बाद MEA का यह बयान भारत-कनाडा के बीच आतंकवाद और अपराध के खिलाफ सहयोग को लेकर नई उम्मीदें जगाता है।

जायसवाल ने कहा, “जुलाई 2023 में, भारत सरकार ने कनाडा सरकार से उसकी अस्थायी गिरफ्तारी का अनुरोध किया था। इसे अस्वीकार कर दिया गया था।

इस मामले में सभी कनाडाई अधिकारियों को अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध कराई गई। अर्श डल्ला के संदिग्ध आवासीय पते, भारत में उसके वित्तीय लेनदेन, चल/अचल संपत्तियों, मोबाइल नंबरों के विवरण आदि को सत्यापित करने के लिए पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) के तहत कनाडा को प्रदान किया गए थे और जनवरी 2023 में एक अलग अनुरोध भी भेजा गया था। दिसंबर 2023 में, कनाडा के न्याय विभाग ने मामले पर अतिरिक्त जानकारी मांगी। इन सवालों का जवाब इस साल मार्च में भेजा गया था।”

प्रवक्ता ने कहा, “हालिया गिरफ्तारी के मद्देनजर, हमारी एजेंसियां ​​प्रत्यर्पण अनुरोध पर कार्रवाई करेंगी। भारत में अर्श डल्ला के आपराधिक रिकॉर्ड और कनाडा में इसी तरह की अवैध गतिविधियों में उसकी संलिप्तता को देखते हुए, यह उम्मीद की जाती है कि उसे भारत में न्याय के लिए प्रत्यर्पित या निर्वासित किया जाएगा।”

बता दें कि खालिस्तानी अलगाववादियों को कनाडा के कथित समर्थन तथा निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के उसके आरोप के कारण भारत-कनाडा संबंध गंभीर रूप से तनावपूर्ण बने हुए हैं।

भारत ने इस आरोप को खारिज कर दिया है तथा कनाडा पर आरोप लगाया है कि वह खालिस्तानी समर्थकों की गतिविधियों को रोकने के लिए कुछ भी नहीं कर रहा है, जो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करना चाहते हैं।

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