शेख हसीना के 5 अगस्त को तख्तापलट के बाद से मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश में नए राष्ट्रपति हैं।
मोहम्मद यूनुस के कार्यालय से शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर हटा दी गई है।
बताया जा रहा है कि इतने लंबे वक्त से कार्यालय में रहमान की तस्वीर को लेकर काफी नाराजगी थी।
इस मामले में यूनुस के विशेष सहायक महफूज आलम ने कहा कि यह शर्म की बात है कि हसीना के निष्कासन के बावजूद बंगभवन से रहमान की तस्वीरें नहीं हटा सके।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के संस्थापक नेता और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर राष्ट्रपति मोहम्मद यूनुस के कार्यालय से हटा दी गई है।
यह कार्यवाहक सरकार द्वारा छात्र नेताओं की नाराजगी के बाद उठाया गया कदम बताया जा रहा है।
मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार के विशेष सहायक महफूज आलम ने पुष्टि की कि राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास बंगभवन के दरबार हॉल से मुजीब का चित्र हटा दिया गया है।
आलम ने आगे कहा कि यह “शर्म” की बात है कि वे “हसीना के निष्कासन के बाद बंगभवन से शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीरें नहीं हटा सके।”
विपक्ष के कई नेताओं में नाराजगी
इस घटना से व्यापक रोष फैल गया है और विपक्ष सहित कई नेताओं ने इसकी निंदा की है। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली देश की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने इसे ‘अस्वीकार्य कृत्य’ बताते हुए मुजीब की तस्वीर हटाए जाने की निंदा की।
मुजीब की तस्वीर हटाने का कदम यूनुस सरकार द्वारा बांग्लादेश के संस्थापक की जयंती और पुण्यतिथि पर मनाए जाने वाले राष्ट्रीय अवकाश को रद्द करने और उनकी तस्वीर हटाने के लिए करेंसी नोटों के डिजाइन में बदलाव करने के बाद उठाया गया है।
मुजीब और बांग्लादेश का इतिहास
मुजीबुर रहमान, जिन्हें ‘बंगबंधु’ के नाम से जाना जाता है, 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बनने के बाद देश के पहले राष्ट्रपति थे। 1975 में एक सैन्य तख्तापलट में उनके परिवार के कई सदस्यों के साथ उनकी हत्या कर दी गई थी।