पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग दुर्ग रेंज ने साइबर जागरुक नागरिक को किया सम्मानित…

जागरूकता से बची ठगी: साइबर प्रहरी सदस्य की सतर्कता से ठगी का प्रयास हुआ नाकाम

IG ने कहा के ऐसे example सिद्ध करते हैं साइबर प्रहरी मुहिम की सफ़लता

हाल ही में दुर्ग के निवासी नीरज जैन, जो गांधी चौक, दुर्ग में किराना दुकान चलाते हैं, ने अपनी सतर्कता और समझदारी से साइबर ठगी के एक बड़े प्रयास को नाकाम कर दिया।

8 नवंबर 2024 को नीरज को एक अज्ञात नंबर से कॉल आई, जिसमें कॉलर ने खुद को उनके परिचित डॉ. डी.एन. शर्मा बताकर उनके बेटे के विदेश में पैसे भेजने के नाम पर ₹85,000 की मांग की।

ठग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके डॉ. डी.एन. शर्मा की आवाज की हूबहू नकल की और नीरज को भरोसे में लेने के लिए एक नकली स्क्रीनशॉट भी भेजा, जिसमें दिखाया गया कि उसने नीरज के खाते में पैसे भेजे हैं।

लेकिन जब नीरज ने अपने खाते की जांच की, तो उसमें कोई रकम नहीं आई थी। नीरज ने पुलिस महानिरीक्षक, दुर्ग रेंज, रामगोपाल गर्ग द्वारा चलाए जा रहे साइबर प्रहरी अभियान से मिली जागरूकता के कारण जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाया और ठगों के दबाव बनाने की कोशिशों से सतर्क होकर पुलिस से संपर्क किया, जिससे वह इस ठगी से बच गए।

नीरज की सतर्कता की सराहना करते हुए पुलिस महानिरीक्षक, रामगोपाल गर्ग (IPS) ने नीरज और डॉ. डी.एन. शर्मा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

यह सम्मान साइबर प्रहरी मिशन के तहत उनकी जागरूकता और जिम्मेदारी का प्रतीक है, जिसने एक संभावित ठगी को विफल किया।

साथ ही संबंधित नंबर की गहन जांच के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।

यह घटना साइबर प्रहरी मिशन से जुड़े रहने और साइबर अपराध के प्रति जागरूकता बनाए रखने के महत्व को दर्शाती है।

पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि ऐसे ठगी प्रयासों से सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 या पोर्टल cybercrime.gov.in पर करें।

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