ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने दुनिया के दूसरे 6वीं पीढ़ी स्टील्थ विमानों के निर्माण के लिए मंजूरी दे दी है।
स्टार्मर की मंजूरी मिलने के साथ ही यूके, इटली और जापान द्वारा आपसी सहयोग से बनाए जा रहे इस खतरनाक और आधुनिक विमान की परियोजना को प्रोत्साहन मिला है।
ब्रिटेन में सत्ता परिवर्तन के बाद इस योजना पर संशय के बादल छा गए थे लेकिन पिछले हफ्ते ही स्टार्मर ने इस मंजूरी देकर अपने इरादे साफ कर दिए।
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश पीएम स्टार्मर और उनके मंत्रीमंडल ने ग्लोबल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट प्रोग्राम या GCAP को मंजूरी दे दी, और अगले कुछ हफ्तों में परियोजना की औपचारिक घोषणा होने की संभावना है।
इस परियोजना का उद्देश्य रूस और चीन से बढ़ते खतरे का मुकाबला करना है। GCAP परियोजना दो विभिन्न परियोजनाओं के विलय से पूरी होगी।
इसमें इटली का टेम्पेस्ट प्रोजेक्ट और जापान का F-X प्रोजेक्ट शामिल होगा। इटली के साथ ब्रिटेन पहले ही 2 बिलियन पाउंड का वादा कर चुका है।
इस परियोजना के लिए इटली, जापान और यूके ने पिछले साल ही एक संधि पर हस्ताक्षर किए थे।
लेकिन ब्रिटेन में सत्ता परिवर्तन और लेबर पार्टी की पॉलिसी के कारण इस संधि में यूके की भागीदारी पर संशय था। लेकिन स्टार्मर ने इसको हरी झंडी दिखाकर सारी आशंकाओं पर विराम लगा दिया है।
अरबों डॉलर की इस परियोजना की अंतिम लागत कितनी होगी इसको लेकर अभी कुछ कहा नहीं गया है। लेकिन इस स्टील्थ फाइटर जेट को विकसित करने का लक्ष्य 2035 तक रखा गया है।
इस परियोजना में ब्रिटिश कंपनी बीएई सिस्टम्स और रोल्स रॉयस, इटली की लियनार्डो एयरोस्पेस और जापान की मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज भाग ले रहीं हैं।
संधि के मुताबिक इस संयुक्त परियोजना का मुख्यालय यूके में होगा। यूके के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि ब्रिटेन इस परियोजना का एक सम्मानित सदस्य है।
हम अपने साझेदारों जापान और इटली के साथ मिलकर 2035 तक इस काम को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
अगर समय पर यह परियोजना पूरी हो जाती है तो फिर यह सुपरसोनिक स्टील्थ विमान अमेरिका के बी 21 रेडर बॉम्बर के बाद दुनिया का दूसरा ऐसा विमान बन जाएगा।