एक योग शिक्षिका ने हमले के दौरान सांस लेने की एक तकनीक का इस्तेमाल करके अपनी मौत का नाटक किया जिससे उसकी जान बच गयी।
पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उसने बताया कि शिक्षिका (34) पर कथित तौर पर कुछ लोगों ने हमला किया और उसका गला घोंटने के बाद जब उन्हें लगा कि वह मर चुकी है तो उसे दफना दिया।
पुलिस ने बताया कि इस घटना के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें बिंदू नाम की महिला और बेंगलुरू में जासूसी एजेंसी चलाने वाला उसका दोस्त सतीश रेड्डी भी शामिल है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “बिंदू को अपने पति का योग शिक्षिका के साथ संबंध होने का संदेह था और उसने रेड्डी से महिला और उसके साथ उसकी निकटता पर नजर रखने को कहा।
योजना के तहत रेड्डी ने कथित तौर पर तीन महीने पहले पीड़िता से योग कक्षाएं लेने के बहाने दोस्ती की और इस अवधि के दौरान वह उसका विश्वास जीतने में सफल रहा।”
अपनी शिकायत में पीड़िता ने आरोप लगाया कि 23 अक्टूबर को शहर के आसपास कुछ जगहें दिखाने के बहाने वह डिब्बुराहल्ली के पास उसके घर आया और उसे एक कार में ले गया, जिसमें तीन अन्य लोग भी मौजूद थे।
उसने आरोप लगाया कि वे उसे शहर के बाहरी इलाके में एक सुनसान स्थान पर ले गए और कथित तौर पर उसके कपड़े फाड़ दिए और उसके साथ मारपीट की।
उसके अनुसार उसे पीटा गया, धमकाया गया और एक तार से गला घोंट दिया गया। उसने दावा किया कि उसने बेहोश होने और सांस लेने की तकनीक का इस्तेमाल करके अपनी मौत का नाटक किया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “आरोपियों ने कथित तौर पर यह मानकर कि महिला मर चुकी है, एक गड्ढा खोदा और उसे वहां दफना दिया। गड्ढा ज्यादा गहरा नहीं खोदा गया था क्योंकि वे जल्दी में थे और उन्हें पकड़े जाने का डर था। जाने से पहले उन्होंने उसके सोने के आभूषण लूट लिए।”
उन्होंने बताया कि महिला ने दावा किया कि बाद में वह किसी तरह गड्ढे से बाहर निकली और कुछ ग्रामीणों की मदद से कपड़े लेकर शिकायत दर्ज कराने पुलिस थाने पहुंची।
अधिकारी ने बताया, “शिकायत के आधार पर हमने अपहरण, हत्या के प्रयास और भारतीय न्याय संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
जांच के आधार पर हमने छह नवंबर को रेड्डी और बिंदू समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया।”