महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कुछ ही दिनों का समय बाकी है।
इसी बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ कर दिया है कि महायुति के जीतने की स्थिति में मुख्यमंत्री पद किसे दिया जाएगा, इसका वादा किसी से नहीं किया गया है।
साथ ही उन्होंने साफ किया है कि शीर्ष पद पर चुनने के लिए व्यवस्था पहले से तय है। राज्य में 20 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को मतगणना होगी।
इंडिया टुडे से बातचीत में फडणवीस ने कहा, ‘महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए कोई म्यूजिकल चेयर नहीं होने वाली है।
ऐसी किसी व्यवस्था के लिए किसी से कोई वादा नहीं किया गया है, क्योंकि हमारे पास अगला मुख्यमंत्री चुनने के लिए पहले से ही एक नीति तैयार है।’
उन्होंने कहा, ‘हमारी गठबंधन में एकनाथ शिंदे समेत किसी ने भी पद नहीं मांगा है। सभी को भरोसा है कि फैसला निष्पक्ष होगा।’
विपक्ष पर निशाना
MVA यानी महाविकास अघाड़ी की योजनाओं को लेकर फडणवीस ने कहा, ‘वो पहले हमारे प्रोग्राम और फंड पर सवाल उठा रहे थे।
अब वो वादा कर रहे हैं कि इस सरकार की तरफ से मिलने वाले लाभों को दोगुना कर देंगे। हमारे पास केंद्र का समर्थन है। इन बड़े-बड़े वादों के समर्थन के लिए उनके पास कौन है।’
बटेंगे तो कटेंगे पर क्या बोले
फडणवीस ने बटेंगे तो कटेंगे के नारे का बचाव किया। उन्होंने यह भी कहा कि विकास और जन कल्याण के मुद्दे ही उनका संदेश होंगे।
चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘बटेंगे तो कटेंगे कहने में कुछ भी गलत नहीं है। एक बंटा हुआ समाज तबाही का सामना करता है। महायुति का प्रचार विकास और कल्याण के कामों पर फोकस करेगा। हालांकि, विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति में लगा हुआ है…।’
महाराष्ट्र का गणित
पीटीआई भाषा के अनुसार, सोमवार को नामांकन वापस लेने की समय सीमा समाप्त होने के बाद महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए कुल 4,140 उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं।
एक निर्वाचन अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव के लिए 4,140 उम्मीदवारों का आंकड़ा 2019 के विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 3,239 उम्मीदवारों से 28 प्रतिशत अधिक है।
अधिकारियों ने बताया कि मुंबई की 36 सीटों पर 420 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे, जबकि पुणे जिले की 21 सीटों पर 303 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे।