प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
छठ पर्व की आज 5 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू हो गई है।
इस साल छठ पर्व 7 नवंबर को मनाया जाएगा। छठ पर्व एक चार दिवसीय महापर्व है। नहाय खाय के दिन महिलाएं नहाकर लौकी और चने की दाल बनाती हैं और इसे खाकर व्रत का संकल्प लेती हैं।
इसके अगले दिन को खरना कहा जाता है। खरना वाले दिन पूरे दिन निर्जला रहकर खीर और रोटी पकाती हैं। शाम को पूजा के बाद वही खीर और रोटी खाकर निर्जला व्रत का संकल्प लेती हैं।
इसके बाद 36-38 घंटे का कठिन व्रत शुरू होता है। खरना के बाद व्रती महिलाएं पानी नहीं पीती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, आज छठ पर्व के पहले दिन भद्रा का साया रहने वाला है। जानें भद्रा की टाइमिंग व अन्य जरूरी बातें-
नहाय खाय के दिन भद्रा का साया- छठ पर्व के नहाय खाय के दिन भद्रा का साया रहने वाला है। ज्योतिष शास्त्र में भद्रा को शुभ नहीं माना जाता है। इस दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है। भद्रा सुबह 11:54 से अगले दिन सुबह 12:16 तक रहेगी।
छठ मैया को कब दिया जाएगा पहला अर्घ्य- खरना के अगले दिन भगवान सूर्य व छठी मैया को संध्या अर्घ्य दिया जाता है। संध्या अर्घ्य के लिए फल,ठेकुआ, सारे पकवान आदि को सूप या टोकरी में सजाकर घाट पर ले जाया जाता है।
शाम को सूर्यास्त के समय कमर भर पानी में खड़ी होकर व्रती महिलाएं संध्या अर्घ्य देती हैं। छठी मैया को पहला अर्घ्य 7 नवंबर 2024, गुरुवार को दिया जाएगा।
षष्ठी तिथि कब से कब तक- षष्ठी तिथि 7 नवंबर 2024 को सुबह 12 बजकर 41 मिनट से प्रारंभ होगी और षष्ठी तिथि का समापन 08 नवंबर को सुबह 12 बजकर 34 मिनट पर होगा।
छठ पूजा के दिन सूर्योदय व सूर्यास्त टाइमिंग- छठ पूजा यानी 7 नवंबर के दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 37 मिनट पर होगा और सूर्यास्त शाम 5 बजकर 31 मिनट पर होगा।
8 नवंबर को देंगे उषा अर्घ्य- 8 नवंबर को व्रती महिलाएं उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी। 8 नवंबर को सूर्योदय सुबह 06 बजकर 38 मिनट पर होगा और सूर्यास्त शाम 05 बजकर 30 मिनट पर होगा। इस दिन से ही छठ पर्व का समापन होता है।
छठ पूजा का महत्व-छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है। यह व्रत भगवान सूर्य व छठ मैया को समर्पित है। मान्यता कि छठ पूजा करने से छठ मैया संतान की रक्षा करती हैं और जीवन में खुशहाली प्रदान करती हैं।
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